हमने इस लेख में भूतकाल व वर्तमान स्थिति के आधार पर समझाने का प्रयास किया है कि दुनिया का अंत कैसे हो सकता है, उसके क्या कारण और परिणाम हो सकते है उसकी चर्चा इस पोस्ट में की गई है।
मनुष्य जाति की भूतकाल और वर्तमान गलतियों के कारण दुनिया का अंत निकट है एवं आने वाले 300 वर्षों के भीतर ही दुनिया का अंत हो जायेगा। जल, वन और वनस्पति नष्ट हो जाने के कारण भोजन के अभाव में जानवर एवं पशु पक्षी नष्ट हो जाएंगे; उसके पश्चात मनुष्य अपने जीवन को बचाने के लिए एक दूसरे का अंत करेंगे। पृथ्वी पर लोगो की जनसंख्या इतनी हो जाएगी कि प्रतिदिन की आवश्यक सामग्री की कमी पड जायेगी, इस परिस्थिति में भुखमरी फैल जाएगी और मनुष्य सहित अन्य जीव काल के मुख में समा जायेगे।
परंतु पृथ्वी पर पूर्णतः जीवन समाप्त नहीं होगा, अंत में मनुष्य की थोड़ी बहुत संख्या बची रहेगी कुछ जीव जन्तु भी जीवित रहेंगे।
दुनिया के अंत का कारण
दुनिया के अंत का कारण स्वयं मनुष्य होगा अत्यधिक इन्ड्रस्टलाइजेशन तकनीक की चाह में मनुष्य धीरे-धीरे सभी प्राकृतिक संसाधन नष्ट कर रहा है। मनुष्य की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए भूमि, भोजन व जल का अकाल पड़ेगा, फलस्वरूप लोग एक दूसरे को मारेंगे, संभावना तो यहां तक है कि पेट भरने के लिए लोग मनुष्य का भक्षण भी करेंगे।
प्राकृतिक संसाधनों के अभाव से वायुमंडल में तापमान व गैसों का संतुलन बिगड़ जाएगा, इससे भयंकर गर्मी उत्पन्न होगी जिसके कारण समुद्र जलस्तर में वृद्धि होगी। पृथ्वी का बहुत बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जायेगा जिसकी चपेट में गांव, शहर और जंगल होंगे।
दुनिया के अंत के मुख्य कारण
- तेजी से बढ़ती हुई मनुष्य जनसंख्या
- बढ़ता हुआ औद्योगीकरण
- जंगलों का नाश
- जीव जन्तु पशु पक्षी व जानवरों को विलुप्त होना
- प्रदूषण के कारण गर्मी का बढ़ना
- परमाणु हथियारों की बढ़ोतरी
दुनिया के अंत के बाद क्या होगा
दुनिया के अंत के बाद की स्थिति का कुछ समय तो भयंकर होगा, क्योंकि सभी आवश्यक वस्तुएं के मूल स्वरूप विकृति आ चुकी होंगी। इसलिए प्रकृति को पृथ्वी पर पुनः जीवन की शुरुआत करने में एक निश्चित समय लगेगा। प्रकृति अपनी संतुलन शक्ति का प्रयोग कर जीवन की शुरुआत करेगी, आकाश से भारी जल वर्षा होगी जिससे समस्त भूमि शुद्ध होकर उपजाऊ हो जायेगी; पेड़ पौधे जंगल व फसल पुनः उग आयेंगे। चारो ऋतुएं में संतुलन हो जाने से वातावरण शुद्ध हो जायेगा। हरे भरे मैदान, घने वन, सुन्दर आवाज करते हुए बहते झरने व निदयाँ पुनर्जीवित हो जायेगें। औषधियों, फूल एवं फलों से भूमि संपन्न हो उठेगी प्रत्येक दिशा में शांति होगी।
दुनिया के अंत को रोकने का उपाय
दुनिया के अंत को रोकने के लिए सभी देशों की सरकार को तुरंत जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर उन्हें सख्ती के साथ लागू करना होगा। जो उद्योग एवं मशीनें पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है उन सभी की रोकथाम के उपाय करने होंगे इसके अलावा जंगलों को संरक्षित करना आवश्यक है।
दुनिया के अंत का प्रमुख कारण क्या होगा?
दुनिया के अंत का प्रमुख कारण असंतुलित जनसंख्या वृद्धि और गर्मी के कारण जलस्तर बढ़ोतरी से बाढ़ आना होगा। पृथ्वी पर जीवन का एक बड़ा भाग अग्नि व जल से नष्ट हो जायेगा। इसके पश्चात पुनः प्रकृति अपने स्वरूप को धारण करेगी, जिसे पूर्ण होने में शताब्दियाँ लग जायेगी।
क्या पूरी दुनिया का अंत हो जायेगा?
नहीं, पूरी दुनिया का अंत अभी नहीं होगा पृथ्वी पर कुछ जगहों पर लोग व अन्य जीव बचे रहेंगे। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे चलती है, प्रकृति अपने स्वरूप को पुनः स्थापित करने की क्षमता रखती है, परंतु आने वाले 500 वर्षो के भीतर सारे संसाधन नष्ट हो जाएंगे। बेरोजगारी, भुखमरी, एवं जल का अभाव होने से बड़े स्तर पर मनुष्यों की संख्या मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे।
क्या परमाणु हथियार दुनिया के अंत का एक बड़ा कारण हो सकता है?
हाँ, बिल्कुल भविष्य में परमाणु युद्ध होने की पूर्ण संभावना है, जिसमें बड़े पैमाने पर विनाश होगा। विभिन्न देश वर्चस्व की चाह में परमाणु हथियारों का प्रयोग एक ना एक दिन अवश्य करेंगे। परमाणु बम का उद्देश्य विनाश करना है, अमेरिका तो 2 बार इसका प्रयोग जापान देश पर चुका है। इसलिए भविष्य में परमाणु बम का प्रयोग होना निश्चित है, जिन देशों के पास परमाणु बम है वे अपनी रक्षा के लिए इसका प्रयोग करने की कोशिश अवश्य करेंगे जिस कारण पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट हो जाने की संभावना है।
संयुक्त राष्ट्र दुनिया की रक्षा के लिए बड़े कदम क्यों नहीं उठाता?
देखये! संयुक्त राष्ट्र से आप कोई आशा नहीं कर सकते है संयुक्त राष्ट्र संस्था का जन्म जिस उद्देश्य के लिए हुआ था उनका पालन करने में संयुक्त राष्ट्र असफल साबित हुआ है। वह केवल राजनीति का मंच रह गया है।