महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, ने अपने जीवन और विचारों के माध्यम से हमें अनेक महत्वपूर्ण सबक सिखाएं। उनके अनमोल उद्धरण आज भी हमें प्रेरित करते हैं और हमारे जीवन को बेहतर बनाने का मार्गदर्शन करते हैं। इस पोस्ट में, हम महात्मा गांधी के प्रमुख उद्धरण का संग्रह कर रहे हैं, जो आपकी जीवन दृष्टि को बदल सकते हैं।
- “विश्वास के बिना जीवन एक निश्चित रूप से असहनीय है।”
- “हमेशा यह ध्यान दें कि आप खुद किसी की दृष्टि में कौन हैं।”
- “अहिंसा परमो धर्मः।”
- “गलती ग़लती ही रहती है, चाहे उसे करने वाला व्यक्ति कितनी भी बड़ी संख्या में हो।”
- “स्वतंत्रता का अर्थ यह नहीं है कि हम कुछ भी कर सकते हैं।”
- “सच्ची खुशी केवल कर्म में ही है।”
- “आपके विचार ही आपका व्यक्तित्व निर्धारित करते हैं।”
- “हमारे कर्मों का फल हमें तुरंत नहीं मिलता है। इसलिए हमें सब्र करना चाहिए।”
- “जीवन को सही जीने का मतलब है समाज के लिए कुछ करना।”
- “व्यक्ति अपने विचारों का परिणाम होता है।”
- “सत्य ही परमेश्वर है।”
- “शांति अंदर से आती है। इसे संसार से नहीं पाया जा सकता।”
- “अपने कर्म में निष्ठा रखो, फल की चिंता मत करो।”
- “विचारों को साकार करने का एक ही तरीका है, वह है कार्य।”
- “सच्चाई और अहिंसा मेरे धर्म के दो पहलू हैं।”
- “स्वतंत्रता कभी भी हिंसा के माध्यम से नहीं प्राप्त होती।”
- “जब हमें खुद को समझने की आवश्यकता होती है, तब हम दूसरों को समझते हैं।”
- “कोई भी कार्य नगण्य नहीं होता, और यदि कोई उसे नगण्य समझे, तो वह उसका अपमान करता है।”
- “अस्थायी जीत स्थायी शांति से बेहतर नहीं हो सकती।”
- “सहनशीलता का अर्थ ही होता है कि आप कितनी कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।”
इस पोस्ट में हमने महात्मा गांधी के प्रमुख उद्धरण का संग्रह किया है। उनके अनमोल विचार जीवन के हर पहलू से जुड़े हैं और हमें एक बेहतर व्यक्ति और नागरिक बनने की प्रेरणा प्रदान करते हैं। हमें आशा है कि ये महात्मा गांधी के ये उद्धरण आपको प्रेरित करेंगे और आपके दैनिक जीवन में पॉज़िटिव परिवर्तन ला सकते हैं। हमारी वेबसाइट पर और भी अनेक अनमोल हिंदी उद्धरण के लिए बने रहें।