संसार में स्थित सभी प्रकार के पदार्थ एवं वस्तुओं की खोज तथा आविष्कार विज्ञान द्वारा ही किया गया है। जो कुछ भी इस ब्रह्मांड में स्थित हैं, उन सब के मूल में विज्ञान के अनेक नियम और शाखाएं कार्य करती हैं।
विज्ञान के बिना प्रकृति एवं जीवन का अस्तित्व असम्भव हैं।
विज्ञान का अर्थ है भौतिक अथवा अभौतिक विषय और वस्तु को सत्य विद्याओं के द्वारा जानना। यह एक ऐसा ज्ञान है, जो सही-गलत का भेद कर जीवन की उपयोगिता के संदर्भ में सभी मनुष्य का मार्गदर्शन करता हैं। विज्ञान के माध्यम से हमें पौष्टिक भोजन पदार्थ, औषधियां, और जीवन के लिए लाभकारी अन्य आवश्यक वस्तुएं प्राप्त होती है। हम दैनिक स्तर पर अपने जीवनकाल में विभिन्न प्रकार के Vigyan Ke Chamatkar मनोरंजन, चिकित्सा, अंतरिक्ष, खेती, तकनीक आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देखते हैं। लेकिन कंप्यूटर के क्षेत्र में विज्ञान ने विशेष चमत्कार किए हैं।
रक्षा के क्षेत्र में परमाणु एवं स्पेस टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर डिजाईन की स्थापना, शिक्षा में ऑनलाइन टीचिंग सर्विस, अधिक अन्न उत्पादन के लिए ट्रैक्टर आदि मशीन एवं उच्च स्तर के ऑर्गेनिक खाद का निर्माण, पहाड़ी स्थानों पर सड़क व बिजली की सुविधा, ई-सेवाएं आदि आविष्कार विज्ञान के चमत्कार हैं।
विज्ञान के चमत्कार इस प्रकार है
मोबाइल आविष्कार
इससे पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि, बिना यात्रा करे एक विशेष स्थान से दूसरे स्थान जाये बगैर व्यक्तियों से बात भी की जा सकती हैं। परंतु,
आधुनिक युग में मोबाइल यन्त्र के आने से व्यक्तियों की दूर स्थित मित्र एवं सगे-संबंधियों से घर बैठे बातचीत संवाद करना संभव हो गया है। इसका फायदा यह हुआ है कि, अब हमें कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती हैं। घर बैठे ही मोबाइल से आपसी सूचनाएं एक-दूसरे तक पहुंचाते हैं। जिससे कीमती समय, धन और शारीरिक परिश्रम की बचत होती हैं। यह केवल विज्ञान के कारण ही संभव हो सका है।
आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स कम्प्यूटर का निर्माण
यह कहने में कोई संदेह नहीं कि, ‘कंप्यूटर’ विज्ञान का सबसे बड़ा आविष्कारी चमत्कार हैं। इलेक्ट्रिक कम्प्यूटर के अविष्कार के पश्चात दुनिया का कार्य करने का तरीका ही बदल गया। बड़ी जटिल गणनाओं को कम समय में समाधान कंप्यूटर द्वारा संभव हो गया। आज पूर्ण गुणवत्ता के साथ कई हजार व्यक्तियों का कार्य एक अकेला कम्पयूटर करता हैं। शिक्षा, रोजगार व अन्य प्रत्येक क्षेत्र में ऑनलाइन कंप्यूटर की सहायता से सभी कार्य शुद्ध रूप से फलित हो जाते है। डॉक्टर भी मरीजों के इलाज करने के लिए आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स एवं रोबोट कम्प्यूटर तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। दुश्मनों से देश के लोग और संपत्ति की सुरक्षा का कार्य भी कंप्यूटर के माध्यम से ही किया जाता है। इंटरनेट के आ जाने से ऑनलाइन तकनीकी की एक क्रांति आ गयी है, जिससे समस्त सूचनाओ को लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है।
इंटरनेट की खोजी दुनिया का अविष्कार
कंप्यूटर के कारण ही इंटरनेट का अविष्कार संभव हो पाया है। क्योंकि इंटरनेट में प्रयुक्त तकनीकी बिना कंप्यूटर के असंभव प्रतीत होती है। आज सस्ते इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण सभी देशों के व्यक्ति ग्लोबल स्तर पर कम्यूनिकेट करते हैं।.देश-विदेश में व्यापार के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग सबसे सुनहरा तरीका है, जो युवाओं को नये रोजगार के अवसर प्रदान करता हैं। सोशल माइक्रो नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से इंटरनेट पर विभिन्न तरह की घरेलू एवं विश्व स्तर की जानकारी शेयर की जाती हैं। जिससे हमें दुनिया की हर क्षण की स्थिति का पता चलता है।
इंटरनेट के कारण ही ऑनलाइन पढ़ाई का ऑप्शन छात्रों को उपलब्ध हो पाया है। कोरोना जैसी महामारी में जब पूरे विश्व के संसाधन और सुविधाएं बंद पड़ी थी, तो इंटरनेट के जरिए ही शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय आदि की व्यवस्था घर बैठे मिल पाई।
ये इंटरनेट ही है जिससे घर बैठे शॉपिंग, भोजन का ऑर्डर, बैंकिंग सुविधाएं मिल पाती हैं। लेकिन इंटरनेट के लाभ के साथ इसके नुकसान भी हैं।
मशीनीकरण का उदय
18वी और 19वी शताब्दी में, पश्चिम देशों में बढ़ते औद्योगीकरण से मानव लेबर की जगह मशीनों ने ले लिया। कपड़ों के कारखाने, पेपर छापने की मशीन, कम्प्यूटरीकृत मशीन आदि का लक्ष्य कम समय व कम खर्च में मशीनों की सहायता से अधिक उत्पादन करना था।
मशीनरी तकनीकी ने भोजन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रिसर्च, और अन्य सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति का जिम्मा उठा लिया। इससे बड़े पैमाने पर वस्तुओं का उत्पादन होने से अधिक व्यक्तियों के लिए घरेलू और विश्व स्तर पर सप्लाई की जा सकी।
यह सब विज्ञान की शिक्षा के कारण ही हो सका। समय के साथ बढ़ती हुई रिसर्च ने इंटरनेट की सहायता से मशीनों के साइज को कम कर दिया और उनकी गुणवत्ता को बढा दिया। रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, प्रिंटर, सिलाई मशीन आदि घरेलू प्रयोग में आने वाली मशीनों के उदाहरण हैं। जिन्हें सामान्य व्यक्ति अपने घर में प्रयोग करता हैं। यह सब विज्ञान के चमत्कारों के कारण ही संभव हुआ है।
परमाणु ऊर्जा से बिजली रूपी ईंधन का आविष्कार
वैज्ञानिकों ने नाभिकीय विखंडन से परमाणु की शक्ति का पता लगाया, जिसका प्रयोग ईंधन आपूर्ति के लिए बिजली बनाने में किया जाता है। परमाणु रिएक्टरों के द्वारा बड़े पैमाने पर विश्व में ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। यह ऊर्जा कम प्रदूषण रहित होने के कारण परम्परागत ऊर्जा जैसे लकड़ी, गोबर के उपले, कोयला आदि ईंधन की अपेक्षा श्रेष्ठ मानी जाती हैं। परमाणु भट्टी से उत्पन्न बिजली के कारण छोटे-बड़े उद्योग एवं सभी लोगों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पूरी की जाती हैं। यह कार्य भी विज्ञान के अनेक चमत्कारी कार्यो में से एक हैं।
यात्रा के लिए हवाई जहाज और फास्ट रेलगाड़ी वाहनों का आविष्कार
पुराने समय में लोग बैल-गाड़ी, घोड़ा-तांगा और पैदल यात्रा करते थे। जिसमें अधिक श्रम और समय व्यय होता था।
विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा समय के साथ यात्राओं को सुगम बनाने के लिए छोटे-बड़े लेवल पर अविष्कार किये गये। इनमे पानी का शिप, हवाई जहाज, रेलगाड़ी, बस, कार, स्कूटर, आदि वाहन विज्ञान के प्रयासों से ही सफल हो सके। वर्तमान में मनुष्य पुराने समय की तुलना में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में कुछ घंटे लेता है। जो कार्य पहले कई दिनो में किया जाता था वो आज कुछ घंटो में पूर्ण हो जाता है। यही विज्ञान का चमत्कार हैं।
आपदा नियंत्रण तकनीक का जन्म होने से जन धन की सुरक्षा में वृद्धि
प्राकृतिक आपदाएं – बाढ़, भूस्खलन, तेज तूफान, सुनामी, भूकंप आदि से होने वाली हानियों को विज्ञान द्वारा विकसित की गई आधुनिक मशीनों व तकनीक से बहुत स्तर तक कम किया जाता है। उच्च स्तर के वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा आपदाओं का अनुमान लगाकर उन्हें रोकने के प्रयास कर दिये जाते हैं। जिससे आपदा आने पर जन धन का नुकसान की रोकथाम होता है।
भूकम्पमापी यंत्र द्वारा विभिन्न रिक्टर स्केल पैमाने के भूकम्पों का पता लगाकर उसकी चपेट में आने वाले क्षेत्रों को क्षति से बचाया जा सकता है। मौसम विज्ञान द्वारा भविष्य में आने वाली तेज बारिश और तूफान को पहले से ही जानकर लोगों को सूचित कर दिया जाता है। इसके अलावा- अंतरिक्ष में सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और उल्काओं के टकराने का समय से पूर्व ही अनुमान लगाकर होने वाली क्षति से बचाव किया जाता है। ये सारे कार्य विज्ञान के चमत्कार ही तो है।
एडवांस युद्ध कला द्वारा देश की सुरक्षा व्यवस्था
आज विज्ञान के कारण- युद्धक हथियार, फाइटर प्लेन, रॉकेट लॉन्चर, कम व दूर मारक क्षमता की लीथल मिसाइल, पानी के भीतर चलने वाली पनडुब्बी का जन्म हुआ है।
साइंस ने कम्प्यूटरीकृत मानवरहित ऐसे हथियार बना लिए जो क्षण भर में ही अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ नष्ट कर देश के नागरिकों की रक्षा कर सकते हैं। रडार की सहायता से भूमि, आकाश एवं जल में किसी भी समय दुश्मन द्वारा किये गये अटैक का सरलता से पता कर उसे नष्ट किया जा सकता है। इस एडवांस युद्ध नीति ने दुश्मनों के साहस को कम कर दिया है। जिससे विश्व में शांति की स्थापना हुई है।
विज्ञान ने अंतरिक्ष के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाया है।
विज्ञान के चमत्कारों में अंतरिक्ष के बारे में जानकारी देना एक विशेष चमत्कार सिद्ध हुआ हैं। विभिन्न सैटेलाइट, रॉकेट, एवं स्पेस शिप के माध्यम से वैज्ञानिकों ने- पहले पृथ्वी, और फिर सौरमंडल के अन्य ग्रहों की अद्भुत जानकारियाँ प्राप्त कर ली है। यह प्रक्रम वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है।
विश्व के विद्वान वैज्ञानिकों के समूह ने सूर्य, आकाशगंगा, लाखो-करोड़ो प्रकाश वर्ष दूर तारे एवं ब्लैक होल के अलावा मैग्नेटिक तरंग की खोज कर अंतरिक्ष के नियमों की जानकारी प्राप्त कर ली है। साथ ही यह भी पता लगा लिया है कि, स्पेस में समय कैसे व्यवहार करता है इसके रहस्यों को उजागर किया है। मनुष्य अब अन्य दूसरे ग्रहों पर जीवन ढूंढ रहा है। मंगल ग्रह पर जीवन के कुछ प्रमाण मिले हैं।
वैज्ञानिक रिसर्च से गंभीर रोगों का इलाज संभव हो गया।
शारीरिक स्वास्थ्य क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध के द्वारा विभिन्न प्रकार की माइक्रो उपकरण आ जाने से डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को गंभीर रोग जैसे- टीबी, कैंसर, हृदय रोग, इमरजेंसी ऑपरेशन आदि का उपचार करने में विशेष लाभ प्राप्त हुए हैं।
आधुनिक समय में ऐसे स्वास्थ्य उपकरण आ गये है, जिनके द्वारा कुछ ही मिनटों में उचित गुणवत्ता से चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन कर दिया जाता है। कुछ ऑपरेशन तो ऐसे होते है, जिनमें शरीर को बिना काटे ही रोग से निवारण हो जाता है। मेडिकल क्षेत्र में प्रयोगशालाओं के विकास में तेजी आने से औषधियों एवं वैक्सीन पर लगातार रिसर्च हो रहा हैं। कोरोना से जूझ रहे विश्व संकट में भारत देश ने 1 वर्ष के अंदर कोरोना वैक्सीन बनाकर अपनी स्वास्थ्य तकनीक का उदाहरण विश्व के सामने प्रस्तुत किया। यह सब विज्ञान के चमत्कार के कारण ही संभव हो सकता है।
उपसंहार
ऊपर हमने महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की, जिसमें हमने विज्ञान के लाभ के बारे में चर्चा की। और यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि, विज्ञान हर तरह से मनुष्यों की भलाई के संदर्भ में कार्य कर रहा हैं।
परंतु, केवल इतना ही सत्य नहीं हैं। वैज्ञानिक तकनीक के लाभ के साथ उसके नुकसान भी मानव जाति एवं प्रकृति को उठाने पड़ रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग, घटते प्राकृतिक संसाधन ये सब अति वैज्ञानिक तकनीकी प्रयोग का परिणाम हैं। अब समय आ गया है कि, सभी देशों को विज्ञान से होने वाले लाभ के साथ इसके नुकसानों पर भी चिंता करनी चाहिए।