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Surya Namaskar Benefits in Hindi : सूर्य नमस्कार के लाभ

surya namaskar benefits in hindi

सूर्य नमस्कार बारह आसनों का एक समूह है, जिसके करने से शारीरिक व आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह शरीर के सभी अंगों व मस्तिष्क में रक्त का संचार कर उन्हे निरोगी एवं शक्तिशाली बना देता हैं। पेट, गर्दन तथा कमर की अतिरिक्त चर्बी को कम समय में नष्ट कर देता है। जिससे, व्यक्ति की काया सुन्दर व आकर्षक हो जाती है। योग शास्त्र के अनुसार, सूर्य नमस्कार प्रातःकाल सूर्य की ओर मुख करके करना उचित माना गया हैं।

प्रतिदिन शौच करने के बाद खाली पेट यह आसन करना चाहिए। रोज 5 से 10 बार सही तरीके से सूर्य नमस्कार का  अभ्यास करने से एक माह के अन्दर ही चमत्कारी लाभ प्राप्त होते है। 12 आसनों के समूह में से प्रत्येक आसन करते समय सूर्यदेव को समर्पित मन्त्रो ॐ सूर्य देवाय नमः का उच्चारण करने से आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा फायदा यह है कि, योग विद्या के लाभ लेने के लिए इसे कम समय में सरलता से किया जा सकता है।

शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी को नष्ट करके तन को लचीला बनाता है

सूर्य नमस्कार में भुजंगासन व पश्चिमोत्तासन से गर्दन, पीठ तथा जांघ के ऊपर स्थित एक्स्ट्रा चर्बी(फैट) जल्दी से कम हो जाता हैं। तथा ये अंग पुष्ट होकर स्फूर्ति से कार्य करने लगते हैं। जो लोग मोटापे से परेशान है, उनके लिए सूर्य नमस्कार सर्वोत्तम आसन हैं। यह मोटे-पेट को पतला करने में सहायक हैं। इस आसन को सरलता से किये जाने के कारण, कम समय में अधिक शारीरिक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं।

बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में सहायक है

सूर्य नमस्कार करते समय शरीर मेरूदंड, पैरो व गर्दन की हड्डियों में खिंचाव के कारण लचीलापन आ जाता हैं, जिससे उनकी वृद्धि तेजी से होने लगती हैं। जब कोई बच्चा प्रतिदिन 15-20 मिनट तक सूर्य नमस्कार को सही विधि से अभ्यास करता है तो, उसकी लम्बाई बढ़ने में तेजी आने लगती है। अधिक लाभ प्राप्त करने लिए रोज गाय के दूध का सेवन करना सर्वश्रेष्ठ है।

रक्त संचार की गति को बढ़ाकर अंगों को निरोगी बना देता हैं

चूंकि, सूर्य नमस्कार विभिन्न आसनों का सेट है, अतः इसकी सभी 12 प्रकार की आसन मुद्राओं का अभ्यास करने से शरीर में तेजी से रक्त प्रवाह होने लगता है। फलस्वरूप, यह रक्त सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है। भोजन से मिलने वाले पोषक पदार्थ, इस रक्त प्रवाह के कारण ऑक्सीजन सहित सभी अंगों तक पहुँच जाते हैं। इससे शरीर निरोगी होकर बलवान बन जाता है।

 आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है

योग शास्त्र के अनुसार, योगासनो का उद्देश्य शरीर व इंद्रियों की शुद्धि कर के, इन्हे अपने अधीन करना है। ऐसा करने से मनुष्य ध्यान एवं समाधि की अवस्था को सरलता से प्राप्त कर अपनी अंतरआत्मा को जान लेता हैं। जिससे उसे परमात्मा की प्राप्ति होती है, और वह मोक्ष को प्राप्त होता है। 

सूर्य नमस्कार करने से शरीर के अंगों की शुद्धि होने से वे निरोगी हो कर, इन्द्रियों के कारण उत्पन्न वासनाओ को नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करते हैं। इससे मनुष्य का मन स्थिर होकर आध्यात्म की तरफ बढ़ने लगता है। फलस्वरूप ध्यान करने के आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।,  किन्तु पूर्ण लाभ लेने के लिए अन्य आसनों का अभ्यास भी आवश्यक हैं।

कमर जकड़न और दर्द में आराम देता है

ऑफिस व अन्य कार्य स्थल में लम्बे समय तक बैठने के कारण, लोगों को कमर की जकड़न एवं दर्द होने लगता है। जिस कारण व्यक्ति सही ढंग से आगे-पीछे झुक नहीं पाता हैं। सूर्य नमस्कार में उपस्थित हस्तोत्तानासन, पर्वतासन, भुजंगासन व पश्चिमोत्तासन करने से बार-बार आगे पीछे झुकना होता है।  इससे रीढ़ की हड्डी का व्यायाम अच्छे से हो जाता है। जिससे, वह कोमल और लचीली हो कर सही तरीके से कार्य करने लगती हैं। अतः, कमर दर्द व जकड़न समस्याओं का समाधान हो जाता हैं।

गले के रोगों को स्वस्थ करता है

सूर्य नमस्कार में हस्तोत्तानासन और भुजंगासन करते समय गले व गर्दन की मांसपेशियों एवं हड्डियों फ्लेक्सिबल हो जाती हैं। इनमें सुचारू रूप से रक्त प्रवाह होने लगता है। गले पर जमा फैट घट जाता है, जिससे गले के विकार दूर होते हैं। इसका अन्य लाभ यह कि, चेहरे पर जॉ लाइन उभर आती हैं। फलस्वरूप चेहरे का फैट कम होकर सुंदर प्रतीत होता है।

संपूर्ण शरीर को आरोग्य प्रदान करता हैं

विभिन्न व्यायामों का समूह होने के कारण सूर्य नमस्कार, पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है। संपूर्ण शरीर का वजन नियंत्रित कर, और खून प्रवाह को सभी अंगों तक पहुँचाकर जीवन को नई ऊर्जा प्रदान करता हुआ आरोग्य बना देता हैं।

जिन व्यक्तियों के पास समय की कमी है, अथवा जो लोग किसी कारणवश व्यायाम के लिए अधिक समय नहीं निकाल सकते हैं। उनके लिए सूर्य नमस्कार सर्वोत्तम आसन है, क्योंकि इसे कम समय में किया जा सकता है।

हाथ पैर व भुजाओं को शक्तिशाली बना देता है

लम्बे समय तक लगातार सूर्य नमस्कार अभ्यास करने से, शरीर में हाथ-पैर और भुजाओं की मांसपेशियों बलवान व सुदृढ़ बन जाती हैं। शरीर का संतुलन सही होकर अद्भुत ऊर्जा का अनुभव होता है। शरीर हल्का प्रतीत होता हैं। कार्य करने की क्षमता में वृद्धि हो जाती हैं।

भोजन अपच को दूर कर, पाचन क्रिया को संतुलित कर देता हैं

योगासनो में सूर्य नमस्कार का एक फायदा यह है कि, इस आसन से पेट में पाचन संबंधी विकार एवं भोजन अपच की समस्या को दुरुस्त करता है। जिससे, भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों का शरीर में सही ढंग से वितरित होने से शरीर दीर्घकाल तक स्वस्थ रहता है। 

मेरूदंड के तनाव को नष्ट कर उसे बलवान बना देता हैं

12 योगासन सेट वाला यह सूर्य नमस्कार, मेरूदंड में झुक कर कार्य करने से आये तनाव को कुछ ही हफ्तों में सही कर देता हैं। क्योंकि इस आसन में बारह प्रकार के आसन क्रिया कमर में स्थित मेरुदंड को प्रभावित करती हैं। इसलिए उसे लचीला एवं आरामदायक बना देती हैं।

ब्रह्मचर्य की रक्षा में सहायक है

जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य नियम का पालन करता हैं। प्रतिदिन एक विशेष समय अवधि तक, सूर्य नमस्कार करने से उसके चित्त व मन और इंद्रियों की वृत्तियों को नियंत्रित करने में, यह आसन सहायक हो जाता है। जिससे व्यक्ति का मस्तिष्क बुरे विचार एवं कामवासना की तरफ नहीं दौड़ता हैं।

ब्रह्मचर्य की रक्षा करने वाले आसनों में सूर्य नमस्कार एक उपयोगी आसन हैं। परन्तु, ब्रह्मचर्य का योग द्वारा पूर्ण लाभ लेने के लिए अन्य योगासन एवं प्राणायाम अति आवश्यक है। इसके लिए योग करने से होने वाले फायदों की जानकारी होना परम आवश्यक है।

शरीर के विषैले तत्व एवं गंदगी को बाहर निकाल देता हैं

15-20 मिनट तक सूर्य नमस्कार को कई बार दोहराने से, शरीर में तेजी से पसीना आ जाता है। इस पसीने के माध्यम से शरीर में उपस्थित विषैले तत्व एवं शरीर में स्थित गंदगी बाहर आ जाती हैं। परिणामस्वरूप, शरीर कोमल व स्वस्थ हो जाता हैं।

सूर्य नमस्कार के 12 आसन

सूर्य नमस्कार बारह आसन का एक समूह है. यह आसन नमस्कार आसन से प्रारम्भ किया जाता है तथा नमस्कार मुद्रा आसन पर ही समाप्त होता है। सूर्य नमस्कार के आसन नाम “ नमस्कार आसन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचालनासन,  पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन, अश्व संचालनासन, हस्तपादासन, हस्त उत्तानासन, तथा नमस्कार आसन है। ”  यह सभी आसन एक क्रम से किये जाते है।

सूर्य नमस्कार करते समय सावधानियां

सूर्य नमस्कार क्रिया, करने से पहले इसके विषय के बारे में अच्छे से सही जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले। जो नये अथवा अनाड़ी व्यक्ति है, या फिर जिन्हे किसी भी प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्या है, ऐसे लोग योग Expert की सलाह के बिना सूर्य नमस्कार ना करें। सूर्य नमस्कार का अभ्यास धीरे-धीरे ही करे, कोई भी प्रॉब्लम होने पर तुरंत योग Expert अथवा चिकित्सक से परामर्श करें।

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