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Khush Rahne Ke Tarike : खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए

Khush Rahne Ke Tarike

इस पोस्ट में मनुष्यों के लिए Khush Rahne Ke Tarike और उनके उपाये बताये गये है। जिनका अनुसरण करके जीवन में आनंद प्राप्त किया जा सकता है।

मनुष्य को खुश रहने के लिए अपनी इच्छाओं पर लगाम लगानी होती है। भौतिक संसाधन के कारण उत्पन्न हुई इच्छाएं और आकांक्षाएं व्यक्ति को लालची बना देती है। ऐसे में वह व्यक्ति केवल अधिक धन जुटाने के प्रयास में लगा रहता है। जरूरत से ज्यादा धन कमाने के बाद उसके पास सारे भौतिक सुख एवं सुविधाएं तो होती है, परंतु मन में शांति नहीं होती है। 

इसलिए खुश रहने के लिए मनुष्य को अपने विचारों में सकारात्मक बदलाव, प्रकृति से जुड़ाव, प्रतिदिन व्यायाम करना आवश्यक है। इसके अलावा आध्यात्म की तरफ झुकाव भी आवश्यक है। यह व्यक्ति के मन को संतुलित करने में सहायक होता है। दुख का एक कारण अज्ञान है। आध्यात्मिक व्यक्ति अज्ञान से सदैव दूर रहता है। परिवार के लोगों के साथ समय व्यतीत करने से भी खुशी मिलती है। 

नीचे खुश रहने के तरीको की क्रम से व्याख्या की गई है। इन तरीको का अनुसरण करके जीवन में  खुशी प्राप्त की जा सकती है।

खुश रहने के तरीके

Khush Rahne Ke Tarike इस प्रकार है-

प्रकृति से प्रेम करे

जीवन को आनंद से भरने के लिए प्रकृति के पास जाना अत्यंत आवश्यक है। सुन्दर वन, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियां, जल स्त्रोत, ठंडी हवा, खुले मैदान आदि संसाधन को माँ प्रकृति ने मनुष्य को के लिए बनाया है। ताकि, व्यक्ति इन सबका लाभ प्राप्त कर सके। शुद्ध ठंडी हवा हमारे शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार करती है। जिससे मन प्रफुल्लित हो जाता है। हरे भरे जंगलों को देखने मात्र से मन को अति उल्लास का अनुभव होता है। पशु – पक्षियों की सुंदरता एवं मासूमियत व्यक्ति को तुरंत आकर्षित करती है।  

किंतु, आधुनिक युग में इसका उल्टा हो रहा है। वर्तमान में मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों की अनदेखी कर उन्हें नष्ट करता जा रहा है। जिससे मनुष्य का जीवन दुख और पीड़ा से भर गया है। जरूरत से ज्यादा पैर पसारती तकनीक ने मनुष्य को लालची बना दिया है। जिससे वह सिर्फ प्रत्येक क्षण धन अर्जन करने के तरीके खोजता है। यह आधुनिक पीढ़ी के जीवन में दुखों का सबसे विशाल कारण बन गया है।

अपनी रूचि को पहचाने

जीवन की व्यस्तता और काम के बोझ से मनुष्य ने स्वयं की रुचियों का दमन(suppress) कर दिया है। जरूरत से ज्यादा, मानव निर्मित संसाधनों को इकट्ठा करने में लोग समय और धन का व्यय करते है। जिसके कारण वे स्वयं के लिए एकांत समय नहीं निकाल पाते है। जो मानसिक तनाव का मुख्य कारण बनता है।

इस मानसिक तनाव के उपाय के लिए, मनुष्य को अपनी मनपसंद रचनात्मक रुचियों को पहचानना होता है। ऐसा करने से मस्तिष्क में शांति का प्रवाह होता है। 

उदाहरण– 

गायन, बांसुरी बजाना, कविता करना, हॉकी खेलना आदि रुचियों को हमें अपनी पसंद के अनुसार ही चुननी चाहिए। और इनके लिए कुछ समय निश्चित रूप से निकालना चाहिए। अगर प्रतिदिन समय नहीं निकाल सकते तो। सप्ताह के अंत में अवश्य समय निकालने से जीवन में खुशियां लौट आती है। 

परिवार के सदस्यों के लिए समय निकाले 

व्यक्ति का परिवार ही उसके लिए सब कुछ होता है। इंटरनेट के युग मनुष्य पूरा दिन मोबाइल में घुसा रहता है। फलस्वरूप वह अपने परिवार के सदस्यों को समय देना कम कर देता है। इससे आपसी संबंधों में दूरी बढ़ जाती है। नतीजा यह होता कि घर में तनाव का वातावरण पैदा हो जाता है। इस सबसे बचने के लिए जरूरी है कि, सभी लोग अपने माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, एवं अन्य पारिवारिक संबंधियों के साथ प्रतिदिन कुछ क्षण अपने विचार आदान प्रदान करे। साथ ही मनोरंजन और हंसी मजाक करें। ऐसा करने से सभी का मन प्रसन्न हो जाता है। और मनुष्य खुश जीवन को प्राप्त करता है। यह खुश रहने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

कार्य से अवकाश लेकर यात्रा करने जाये

बिजनेस का कार्य और ऑफिस का प्रेशर दिमाग पर बोझ बढ़ा देता है। बच्चों पर पढ़ाई परफॉर्मेंस और कैरियर का दबाव मानसिक तनाव पैदा करता है। ऐसे में मनुष्य का जीवन नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। व्यक्ति मायूस और उदास रहने लगता है। 

इसलिए कार्य से अवकाश लेकर, माइंड को फ्रेश करने हेतु,  व्यक्ति को अपने परिवार सदस्यों के साथ हर माह में यात्रा करने के लिए अवश्य जाना चाहिए। यात्रा स्थान चुनाव में- टूरिस्ट प्लेस, जू, हिल स्टेशन, फेमस भवन, विदेशी स्थल, आदि को चुन सकते है। जब भी समय मिल यात्रा जरूर करें। इससे मन को शांति और रिलेक्स मिलता है। नई चीजें देखने को मिलती है। जीवन आनंद से भर जाता है।

जरूरत से ज्यादा धन अर्जन की इच्छा त्याग दे

वर्तमान में मनुष्य के दुख का सबसे बड़ा कारण है अधिक धन प्राप्त करने की इच्छा। प्रत्येक व्यक्ति में आधिक्य(excess) में धन इकट्ठा करने की होड़ लगी हुई है। मनुष्य धन के द्वारा सारी फैसिलिटी और लग्जरी संसाधन खरीदना चाहता है।

किन्तु मनुष्य को इस बात का तनिक भी आभास नहीं कि, वह कितना भी धन कमा ले इन सब संसाधनों से जीवन में शांति प्राप्त नहीं कर सकता है। धन जीवन की आवश्यक जरूरत है। लेकिन किसी चीज की एक सीमा होती है। और उस सीमा के बाद उस वस्तु की उपयोगिता कम हो जाती है। जीवन में धन की उपयोगिता मात्र- अच्छा भोजन, सुरक्षित घर, तन ढकने के लिए आवश्यक वस्त्र, इलाज के लिए औषधि, शिक्षा एवं कैरियर, घर की बुनियादी संसाधन, आने जाने के लिए वाहन, एवं भविष्य की जरूरतों के लिए धन की बचत होना है। 

कहने का अर्थ है कि, जरूरत से ज्यादा धन इकट्ठा करने में अपना कीमती समय को नष्ट करना व्यर्थ है। ऐसा करने से व्यक्ति जीवन के आनंद का लाभ से चूक जाता है। क्योंकि जब तक वह अपने स्वयं के लिए समय नहीं निकालेगा तब तक खुश नहीं रह पाएगा। खुश रहने के लिए आवश्यकता से अधिक कार्य एवं चीजों का त्याग कर देना चाहिए।

संगीत को दिनचर्या में धारण करें

विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को संगीत पसंद होता है। मनुष्य के अलावा अन्य जीव भी संगीत से आकर्षित हो जाते है।  संगीत एक दिव्य कलात्मक विज्ञान है, इसका प्रभाव व्यक्ति के मन और शरीर पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। यह एक औषधि के समान मनुष्य के रोग और तनाव का उपचार करता है। संगीत से निकलने वाली सुर तरंग मस्तिष्क को तुरंत प्रभावित करती है। संगीत सुनने मात्र से ही मन को अत्यंत सुख का अनुभव होता है। यह तनाव को भुला देता है। 

जब मनुष्य संगीत सुनता है तो वह उसके प्रवाह में डूब जाता है। जिसके कारण मनुष्य उस क्षण दूसरे अन्य विचारों को भुला देता है। संगीत का प्रभाव व्यक्ति के दिमाग पर दीर्घ समय तक रहता है। 

भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रातः, दोपहर, सायं काल और रात्रि के अनुसार संगीत राग का निर्माण किया गया है। इसका वैज्ञानिकता इतनी ज्यादा है कि इसको केवल सुनने से ही सारी टेंशन दूर हो जाती है। मन हल्का हो जाता है। सब कुछ ऊर्जावान और दिव्य प्रतीत होने लगता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को संगीत से मित्रता करनी चाहिए।  

प्रतिदिन स्वाध्याय करना आरम्भ करे

स्वाध्याय खुश रहने का एक अनोखा तरीका है। स्वयं से विद्या अध्ययन करने को स्वाध्याय कहते है। इसके द्वारा व्यक्ति को सत्य, असत्य का भेद पता चलता है। जिससे मनुष्य का ज्ञान बढ़ता है। और ज्ञान के बढ़ने से दुखों का नाश होता है। अविद्या दुख का कारण बनती है।  सच्ची विद्या द्वारा व्यक्ति गलत कार्य करने से बच जाता है। इसलिए मनुष्य को अच्छी किताबे, जीवनी, वैज्ञानिक शोध, तार्किक पुस्तक आदि का स्वाध्याय करना चाहिए। प्रतिदिन कुछ मिनट ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करने से जीवन को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। फलस्वरूप व्यक्ति सुख शांति भरे जीवन को प्राप्त होता है.

अध्यात्म से जुड़े

अध्यात्म और भक्ति जीवन में खुश रहने का सबसे सरल तरीका है। यह एक ऐसी अलौकिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य के मन और आत्मा के दोष दूर किये जाते है। योग के नियमों द्वारा अध्यात्म का पालन करने से विशेष लाभ प्राप्त होते है। प्रतिदिन 15-20 मिनट ध्यान करने से तनाव दूर होने लगता है। इसके द्वारा मस्तिष्क में चल रहे नकारात्मक विचारों का प्रवाह कम होने लगता है। अतः, व्यक्ति विभिन्न प्रकार के शारीरिक व मानसिक विकारों का समाधान अध्यात्म के माध्यम से कर सकता है। 

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रोज प्रातःकाल  व्यायाम करें

प्रतिदिन व्यायाम करना भी खुशी प्राप्त करने का बेस्ट तरीका है। रोज व्यायाम करने से शरीर में रक्त संचार सही ढंग से होता है। पाचन शक्ति मजबूत हो जाती है। जिससे सम्पूर्ण शरीर ठीक रूप से कार्य करने लगता है। व्यायाम करते समय शरीर के विषाक्त पदार्थ पसीने के द्वारा बाहर निकल जाते है। साथ ही त्वचा पर जमा मैल भी उतर जाता है। हार्मोन स्त्राव भी संतुलन में आ जाता है। शरीर निरोगी होने लगता है। शरीर के स्वस्थ होने से मन में सदैव उत्साह और चेहरे पर चमक आती है। शरीर ऊर्जावान बन जाता है। व्यायाम में योगासन एवं प्राणायाम सर्वोत्तम माने जाते है। आप चाहे तो जिम, रनिंग भी कर सकते है।

मनपसंद व्यवसाय सेलेक्ट करे

अधिकतर लोगों के दुख कारण गलत व्यवसाय का चुनाव है। गलत व्यवसाय का चुनाव कर लेने से व्यक्ति का कार्य में मन नहीं लगता है। ऐसा व्यक्ति मन मानकर काम को करता है। जिसके कारण कार्य में सटीकता नहीं आती है। इससे मानसिक तनाव का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है। 

इसलिए, व्यक्ति को अपनी पसंद के क्षेत्र में व्यवसाय का चयन करना चाहिए। ऐसी स्थिति में व्यक्ति मन लगाकर पूर्ण इच्छा के साथ कार्य करता है। उसे आलस्य नहीं आता है। थकान नहीं होती। व्यवसाय के प्रति चिंता नहीं होती, क्योंकि मनपसंद व्यवसाय करने से उस कार्य में परफेक्शन आ जाती है। जिससे लोगों के बीच उस व्यक्ति की डिमांड बढ़ जाती है ऐसे कार्य करने में व्यक्ति सदैव सुख का अनुभव करता है। 

पर्याप्त नींद के लिए 6 से 8 घंटे सोये

खुशी रहने के तरीको में नींद एक महत्वपूर्ण घटक है। नींद लेने से शरीर के अन्दर हीलिंग प्रक्रिया उत्पन्न होती है। जो शरीर के सेल्स की रिपेयरिंग का कार्य करती है। इसलिए,  पर्याप्त नींद स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। अच्छी क्वालिटी की नींद न मिलने पर शरीर में थकान, आलस्य, चिड़चिड़ापन, टेंशन आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। जिससे किसी भी काम में मन नहीं लगता है। व्यक्ति के लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में रुकावट उत्पन्न होने लगती है। इसलिए शरीर को पूर्ण ऊर्जावान रखने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति 6 से 8 घंटे की नींद अवश्य ले। रात्रि में 9 से 10 बजे तक सो जाये और प्रातः  4 से 6 बजे तक उठ जाए।

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