मित्रो हमारा यह पोस्ट मोबाइल फोन के नुकसान पर निबंध को प्रस्तुत करने के रुप में लिखा गया हैं। आधुनिक तकनीकी दिन प्रतिदिन विकसित होती जा रही है। फलस्वरूप मानव जीवन को ज्यादा सुविधाजनक एवं आरामदायक बनाने की कोशिश लगातार जारी है।
मनुष्य आज ज्यादा सुख सुविधाओ के कारण आलसी व कामचोर हो गया है। इसका एक बड़ा कारण टेक्नोलॉजी एवं विज्ञान द्वारा उपलब्ध कराये गयी सुविधाएं- ऐसी, फ्रिज, कूलर, कार, कंप्यूटर, स्मार्ट मोबाइल आदि है।
इन सभी तकनीकी सुविधाओं ने मनुष्य के मन व शरीर को कामचोर बना दिया है। मनुष्य सोचता है कि उसे बैठे बिठाये ही सभी कुछ प्राप्त होता रहै, उसे कुछ ना करना पड़े। इसी कारण प्रतिदिन नई तकनीकों का जन्म होता जा रहा है। इनमें से ज्यादातर तकनीकी व डिवाइस केवल प्रतिदिन प्रयोग होने वाले घरेलू कार्य के लिए विकसित की जाती है। ताकि लोगों को कम से कम शारीरिक श्रम करना पड़े।
ऐसा नहीं है कि इन सभी तकनीकों का फायदा नहीं। ये सभी प्रकार की वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी मानव जीवन को सरल बनाने के लिए ही उत्पन्न की गई है। शिक्षा, स्वास्थ्य, युद्धनीती, खाद्य पदार्थ, खेती, यात्रा, ऑटोमोबाइल, ट्रांसपोर्ट, आदि अन्य प्रकार क्षेत्रो में तकनीकी का प्रयोग मनुष्य के जीवन को सुखदायक व आरामदायक बनाने के उद्देश्य से ही किया जाता है।
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि, इन सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं ने बहुत स्तर तक व्यक्तियों के जीवन को अच्छा व आनंददायक भी बना दिया है।
लेकिन,साथ ही इनके नकारात्मक दुष्परिणाम भी मनुष्य जीवन, पर्यावरण व अन्य जीव जंतुओं पर गंभीर रूप से देखने को मिले है।
आज सबसे अधिक प्रयोग किये जाने वाले तकनीकी यंत्रों में से मोबाइल फोन एक ऐसी तकनीक है, जो लगभग दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के घर में प्रयोग की जाती है। स्मार्टफोन अथवा मोबाइल फोन जीवन की जरूरत बन गया है। घर बैठे- शॉपिंग, बैंकिंग, पढाई, हेल्थ, बिजनेस, रोजगार, भोजन पदार्थ, मनोरंजन, आदि इंटरनेट व मोबाईल फोन के माध्यम से घर पर ही अति शीघ्र उपलब्ध हो जाता है।
लेकिन बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्गों पर मोबाइल फोन के नकारात्मक प्रभाव बड़े स्तर पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से होते है। मोबाइल फोन के इन नकारात्मक प्रभावों से जीवन की रक्षा करना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
मोबाइल फोन से होने वाली हानियाँ एवं नुकसान इस प्रकार है-
- मूल्यवान समय का नाश: इंटरनेट द्वारा उपलब्ध व्यर्थ के विषयों को देखने के कारण, यह मूल्यवान समय को नष्ट करने में सहायक है।
- मस्तिष्क शांति का भंग होनाः विभिन्न प्रकार के नकारात्मक चित्र, वीडियो, पोस्ट, वेबसाइट, गेम्स व अन्य मनोरंजक सामग्री को उपयोग करने से मानव के मस्तिष्क एवं चिंतन करने की शक्ति व शांति को भंग करता है।
- बच्चों की पढ़ाई व परीक्षाफल को प्रभावित करता हैः परीक्षाफल बच्चो व युवा विद्यार्थियों द्वारा अधिक समय मनोरंजन सामग्री, सोशल मीडिया, चैटिंग एप्स, ऑनलाइन गेम्स, अभद्र चल-चित्र देखने के कारण उनका शिक्षा की तरफ से ध्यान कम हो जाता है जिस कारण पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है, परिणाम परीक्षाफल में कम अंक व विफलता प्राप्त होती हैं।
- फोन उपयोग करने की लत आदत बन जानाः लगातार लम्बे समय तक मोबाइल फोन का प्रयोग करने से मनुष्य के मस्तिष्क व शरीर को फोन की लत लग जाती है और यह आदत में बदल जाती है। अतः जब व्यक्ति को मोबाइल फोन प्रयोग करने के नहीं मिलता तो उसका मस्तिष्क पागल की तरह व्यवहार करने लगता है। वह विचलित व चिड़चिड़ा महसूस करने लगता है।
- स्मर्ण व चिंतन शक्ति का कम होनाः किसी भी प्रकार की जानकारी का उत्तर पाने के लिए लोग समय बचाने के लिए मोबाइल पर इंटरनेट के द्वारा खोज करते है। किसी अन्य प्रकार की पुरानी तकनीक, पुस्तक व अन्य सुविधा का प्रयोग करना पसंद नहीं करते। परिणाम यह हो गया है कि फोन ने व्यक्तियों की स्मर्ण व चिंतन शक्ति को कम कर दिया है। जिससे उनका मानसिक स्तर में बड़े स्तर पर गिरावट आई है।
- परम्परागत हस्तलिपि या हैंडराइटिंग खराब हो जानाः सभी प्रकार की ऑफलाइन व ऑनलाइन जानकारियों को मोबाइल फोन पर सॉफ्ट कॉपी में सुरक्षित एवं शेयर करने के कारण, कागज-पेन एवं पेंसिल का प्रयोग कम होने से लोगो की परम्परागत हस्तलिपि या हैंडराइटिंग खराब हो गई है साथ ही लेखन अभ्यास भी छूट गया है, जिस कारण शब्दो व वाक्यो को लिखते समय व्याकरण एवं शाब्दिक त्रुटियाँ अधिक मात्रा होने लगी है।
- बच्चों को ऑनलाइन गेम्स से क्षतिः मोबाइल फोन पर ऑनलाइन गेम्स में बच्चों को दिए गये खतरनाक लक्ष्य को पूर्ण ना करने पर, कुछ बच्चे मानसिक दबाव, बहकावे व लालच में आकर अपने अथवा दूसरे व्यक्तियों को नुकसान एवं आत्मघात जैसी दुर्घटनाओ के शिकार हो जाते है।
ज्यादा मोबाइल देखने के नुकसान
लगातार मोबाइल चलाने एवं ज्यादा मोबाइल फोन देखने से-
- मस्तिष्क में नकारात्मक का उदय- मन में विभिन्न प्रकार के बुरे विचार, नकारात्मक ख्यालो में वृद्धि होना।
- काल्पनिक सोच में वृद्धि- दिन रात काल्पनिक सपने सोचते रहना।
- आँखों की दृष्टि में कमी- मोबाईल स्क्रीन से निकलने वाले प्रकाश के कारण आँखों की देखने की क्षमता में कमी का अनुभव
- चिड़चिड़ापन, गुस्सा व आलस्य- मनुष्य के स्वभाव में चिड़चिड़ापन व गुस्सा आना साथ ही मानसिक व शारीरिक स्तर पर आलस्य महसूस होने के कारण किसी भी कार्य में रुचि ना होना।
- ऑनलाइन भ्रामक जानकारी का शिकार हो जाना- इंटरनेट का प्रयोग करते समय कुछ अविश्वसनीय एवं असत्य भ्रमिक जानकारी को सत्य मान कर उन पर विश्वास कर लेना। फलस्वरूप शारीरिक, मानसिक, रोजगार, बिजनेस, आदि अन्य किसी भी वस्तु, विषय अथवा क्षेत्र में इस गलत जानकारी के कारण नुकसान झेलना।
- समय व शारीरिक ऊर्जा का क्षय- दिन रात घर अथवा घर के बाहर किसी भी स्थान पर- भोजन करते समय, टीवी देखते समय, पढ़ाई करते समय, मित्रो से बात करते समय आदि अन्य परिस्थितियों में लगातार मोबाइल प्रयोग से कोई भी कार्य पूर्ण रूप से सम्पन्न नही हो पाता। फलस्वरूप समय एवं शारीरिक ऊर्जा का ह्रास होना।
- फ्रस्टेशन व संबंधियों के साथ बेवजह कलह- नियमित रूप से बहुत अधिक समय तक मोबाइल फोन का प्रयोग करने से मन में फ्रस्टेशन बढ़ने लगती है। जिससे मानसिक शांति अशांति का रूप ले लेती है, जो बाद में परिवार, मित्रों, सगे संबंधियों एवं अन्य लोगों के साथ व्यक्ति का व्यवहार सही नहीं होने के कारण कलह का एक कारण बनती है।
बच्चों को मोबाइल फोन से नुकसान
इंटरनेट के इस आधुनिक युग में बहुत बड़े स्तर पर ऐसी सामग्री ऐसी है, जो बच्चो को लुभाकर उनके चरित्र का नाश कर रही है। सरकार ने ऐसी बहुत सी चीजों पर प्रतिबंध भी लगा रखा है, लेकिन फिर भी दूसरे अन्य कई तरीकों के द्वारा इन सामग्री तक पहुँचा जा सकता हैं।
आजकल माता पिता व अभिभावक छोटे एवं बड़े बच्चों को अपना मोबाइल प्रयोग मनोरंजन कार्टून, फिल्म, संगीत,, गेम्स, डांस देखने के लिए देते है। बच्चों के बालपन व अति जिज्ञासु स्वभाव होने के कारण उनका मोबाइल प्रयोग करना आदत बन जाती है। उन्हें मोबाइल नहीं देने पर वे क्रोध, जिद व निराश होकर रोने लगते हैं।
अति छोटे 2, 3, 4, 5 वर्ष के बच्चे एनीमेशन कार्टून व संगीत अधिक पसंद करते है। दीर्घ व प्रतिदिन मोबाइल देखने से उनके कोमल आँखों की दृष्टि को हानि पहुँचती हैं। साथ ही मोबाइल देखने के कारण रोज एक ही स्थान पर बैठे रहने से उनकी शारीरिक क्रीडा व खेल कूद ना हो पाने से उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध होने लगता हैं।
बड़े बच्चे ऑनलाइन खेल, सोशल नेटवर्क वेबसाइट, गंदे वीडियो एवं मोबाइल एप्स के शिकार हो जाते है, फलस्वरूप अपनी बौद्धिक व शारीरिक शक्ति एवं विद्या अध्ययन का नुकसान कर देते हैं।
Internet-Mobile Ke Nuksan
आधुनिक युग में इंटरनेट तकनीक ने मनुष्य को बिगाड़ कर रख दिया हैं। ज्यादातर लोग अपने मोबाइल फोन, कंप्यूटर पर इंटरनेट का प्रयोग फालतू, अनुपयोगी व हानिकारक चीजों को देखने में करते हैं। मनुष्यो के लिए यह एक टाइम पास करने का साधन बन गया हैं। हर कोई पूरा दिन मोबाइल मे ही घुसा रहता हैं, दूसरी सभी महत्वपूर्ण विषय एवं वस्तुओं- हेल्थ का ध्यान, समय पर भोजन व नींद लेना, परिवार संबंधियों संग पर्याप्त व्यवहार, पुस्तके पढ़ना, प्रातःकाल सैर पर जाना आदि को प्राथमिकता देनी छोड़ दी हैं। ऐसा लगता है जैसे मोबाइल एवं इंटरनेट ने आज के मानव की बुद्धि को नष्ट कर दिया हैं।
शिक्षकों, सरकार, माता पिता, बुद्धिजीवी एवं बड़े बुजुर्गों का कर्तव्य बनता है कि बच्चों एवं युवाओं को मोबाइल फोन व इंटरनेट के लाभ एवं हानियाँ की जानकारी दे उनका मार्गदर्शन करें। एवं युवा पीढ़ी को जीवन की उपयोगिता व लक्ष्य को धारण करने के लिए अग्रसर करे।
मोबाइल फोन एक अभिशाप
जिस तरह विगत वर्षो में स्मार्ट मोबाइल फोन व इंटरनेट का चलन में तेजी से वृद्धि हुई हैं। फलस्वरूप समाज में विभिन्न प्रकार के इंटरनेट फ्रॉड, पर्सनल जानकारी की चोरी के अलावा भ्रष्टाचार व क्राइम में उछाल, फूहड़ एवं भद्दी ई-सामग्री देखकर मानव जीवन मूल्यों के संस्कारो व शिष्टाचार का नष्ट होना, आदि गंभीर नकारात्मक परिणाम समाज को भोगने पड़ रहे हैं।
ऐसी तकनीक का क्या फायदा जो जीवन में अशांति व असुरक्षा लाती हो। आज प्रत्येक व्यक्ति बहुत अधिक धन कमाने के लोभ में झूठ एवं गलत कार्य करने में संकोच नहीं करता हैं। इंटरनेट पर कंप्यूटर या मोबाइल फोन से कम समय में घर बैठे धन कमाने के विभिन्न प्रकार तरीके आकर्षक एडवर्टाइजमेंट द्वारा प्रस्तुत किये जाते हैं। इन तरीकों में से अधिकांश तरीके झूठ व गलत कार्यों से प्रभावित होते हैं।
मोबाइल फोन से दूरी कैसे बनाये
वास्तव में मोबाइल फोन से दूरी बनाना बहुत कठिन कार्य हैं। आकर्षक चित्र, वीडियो, संगीत, नृत्य, समाचार, चैटिंग, शॉपिंग व अन्य मनोरंजन विषय, सर्विसेज एवं सामग्री छोटे-बड़े सभी व्यक्तियों को ध्यान अपनी ओर खींचती है। जिस कारण व्यक्ति मोबाइल की आदत को छोड़ नहीं पाता है।
अतः, मोबाइल फोन से दूरी बनाने के लिए अपने मन को संकल्प शक्ति से दृढ़ करना, फोन का प्रयोग केवल आवश्यक कार्य के लिए करना एवं फोन पर समय की बर्बादी से बचने के लिए अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूर्ण करने में लग जाना। अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय जो आन्तरिक उत्साह को सकारात्मक ऊर्जा से भर दे, रचनात्मक कृत्य, अच्छा स्वास्थ्य बनाना, क्रीड़ा क्रियाएँ, गायन, आदि को धारण करे। रात को सोते समय मोबाइल फ़ोन को अपने शरीर की पहुँच से दूर, इंटरनेट बंद करके, स्विच ऑफ या साइलेंट कर रख दे। अलार्म के लिए साधारण व परम्परागत घड़ी का प्रयोग करें।