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Meditation Karne Ke Fayde – ध्यान करने के फायदे

Meditation Karne Ke Fayde

आज हम आपको बता रहे है कि योग विधि से मेडिटेशन करने से मनुष्य को कितने लाभ प्राप्त हो सकते है। मेडिटेशन(ध्यान) का अर्थ होता है विचार शून्य होकर ओंकार पर मन को केन्द्रित करना। ध्यान प्रक्रिया तनाव मुक्त होने का एक अद्भुत रामबाण है। ध्यान करने से दीर्घायु व निरोगी जीवन प्राप्त किया जा सकता है। ध्यान ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है।

Meditation Karne Ke Fayde

मेडिटेशन करने फायदे इस प्रकार है.

मेडिटेशन मन को संतुलित कर बुरे विचारों को नष्ट करता हैं

मन व इन्द्रियों के कारण ही मनुष्य विषय वासनाओ के अधीन रहता हैं। परंतु मेडिटेशन द्वारा मनुष्य अपने मन व इन्द्रियों पर नियंत्रण पा कर उन्हें अपनी आज्ञा के अधीन कर लेते हैं। इस कारण उसका मन लोभ, क्रोध, भ्रम, आसक्ति और वासना से मुक्त हो जाता है। 

गीता में  श्रीकृष्ण ने कहां है कि “ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते। सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥” अथार्त  मनुष्यों को बुरे विषयों से सदैव दूर रहना चाहिए।

विषयों का ध्यान करने से मनुष्य के मन में आसक्ति, आसक्ति से विषयों को भोगने के प्रति काम रूपी इच्छा का जन्म होता है, और इच्छाओ कि पूर्ती न होने पर क्रोध जन्म लेता हैं। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह अपना ध्यान बुरे विषयों की तरफ से हटाकर, अच्छे सकारात्मक कार्य व विचारों की दिशा में लगायें।

बुद्धि की विचार क्षमता बढ़ जाती है

मेडिटेशन करने का दूसरा फायदा यह कि प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करने से बुद्धि, मस्तिष्क को नियंत्रित कर इसकी कार्यक्षमता में साधारण मनुष्य के मस्तिष्क की तुलना में कई गुना वृद्धि कर देती हैं। फलस्वरूप मस्तिष्क कठिन और सूक्ष्म विषयों को सरलता से स्मरण एवं समझ लेता हैं।

मेडिटेशन मनुष्य के मोक्ष मार्ग में सहायक है

व्यक्ति जब योग द्वारा ध्यान की अवस्था को प्राप्त कर लेता हैं, और ध्यान की अवस्था को साध लेता हैं,तब वह मनुष्य समाधि अवस्था को प्राप्त कर लेता हैं। तत्पश्चात समाधि सिद्ध हो जाने पर उसे परमात्मा का साक्षातार हो जाता है। जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाने से वह जीवन चक्र से मुक्त हो जाता है।

यह अवसाद को दूर करता है

प्रतिदिन प्रातःकाल अथवा सायंकाल 30 मिनट मेडिटेशन करने से, मानसिक अवसाद, तनाव व चिंता दूर होकर, मन प्रफुल्लित हो जाता है। और शरीर में नयी ऊर्जा का अनुभव होता है. जिससे कार्य करने की क्षमता में बढ़ोतरी हो जाती हैं।

मेडिटेशन से स्वभाव में विद्वता आती है चरित्र आकर्षक बन जाता है

लगातार मेडिटेशन का अभ्यास करने पर एक अवस्था ऐसी आती हैं, जब ध्यान केन्द्रित हो जाता हैं। ऐसी स्थिति में मनुष्य का विवेक जग जाता है, उसे सत्य-असत्य में भेद करना आसान प्रतीत पड़ता हैं। इसके कारण मनुष्य का स्वभाव शांत एवं सरल हो जाने के से वह व्यक्ति स्वाध्याय और प्रकृति की तरफ आकर्षित होने से वह विद्वान होने लगता हैं। इन सबका प्रभाव उसके चरित्र को आकर्षक बना देता हैं।

ध्यान करने वाला व्यक्ति सत्य को धारण करता है

लम्बे समय तक मेडिटेशन करने वाले साधक को सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त होती हैं। इसलिए, वह झूठ फरेब से हमेशा दूर रहता हैं, और सत्य के मार्ग का ही अनुसरण कर उस पर उन्नति का रास्ता खोजता हैं। इस प्रकार के मनुष्य के आत्मविश्वास में अद्भुत वृद्धि का अनुभव होने से वह निर्भीक हो जाता है।

मेडिटेशन मानसिक व शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है

शास्त्रों में शरीर को आठ चक्र व नौ द्वारों वाली अजय नगरी बताया गया है। योगसाधना के माध्यम से मनुष्य अपने शरीर में स्थित 8 चक्रों को ध्यान के माध्यम से जागृत कर सकता हैं। इन चक्रो की ऊर्जा व्यक्ति के शरीर व मस्तिष्क को शक्तिशाली बना देती हैं। वह व्यक्ति अब साधारण से असाधारण हो जाता है। ऐसा व्यक्ति किसी भी कार्य को सामान्य मनुष्य की अपेक्षा कई गुना तेजी एवं, गुणवत्ता से कर लेता हैं। चक्रों के जागृत होने से मनुष्य की कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती हैं। ऐसा व्यक्ति परम ज्ञान व पूजनीय हो जाता हैं। 

मेडिटेशन नींद की खपत में कमी कर इसकी गुणवत्ता को अच्छा करता है

योग करने वाला मनुष्य मेडिटेशन के माध्यम से अपनी नींद की खपत में कमी करके इसकी गुणवत्ता अच्छी कर देता हैं। ऐसा व्यक्ति कम सो कर भी ज्यादा फ्रेश व ऊर्जावान हो जाता हैं। इसका कारण यह है कि ध्यान करने वाले व्यक्ति को बहुत सारी ऊर्जा ध्यान से मिलती है। फलस्वरूप उसे कम नींद की आवश्यकता होती हैं। वह कम समय में गहरी नींद लेकर  प्रातः काल जल्दी उठ जाता है, और समय का अधिक सदुपयोग करने लगता है।

ध्यान फलित होने पर आत्मज्ञान प्राप्त होता है

यौगिक क्रियाओं द्वारा ध्यान के फलित होने के पश्चात व्यक्ति चित्त की सभी प्रकार की विषय वासनाओ पर विजय पा लेता हैं। तथा मन को नियंत्रित कर समाधिस्त हो जाता है। समाधि की अवस्था में मनुष्य को अपने शरीर का ज्ञान नहीं रहता है। वह केवल आत्मज्ञान को प्राप्त हो परब्रह्म में लीन हो जाता है।

विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति का विकास करता है

जो विद्यार्थी प्रतिदिन ध्यान अभ्यास करते हुए अपने विचारों को एक बिन्दु पर केन्द्रित करते हैं। ऐसे विद्यार्थियों का मस्तिष्क कुछ समय पश्चात तेज एवं स्थिर हो जाता है। उनकी स्मरण शक्ति इतनी विकसित हो जाती है, कि एक बार किसी विषय या सब्जेक्ट को पढ़ने मात्र से उसे हमेशा के लिए याद हो जाता है।  

मेडिटेशन करने का सही तरीका

योग में ध्यान करने की विभिन्न आसन मुद्राएं बतायी गई है। मेडिटेशन करने के लिए खुले हवादार व शांत स्थान पर एकांत में पद्मासन (या सुखासन अथवा अन्य आसन) में सीधी कमर करके ध्यान मुद्रा में बैठ जाये। दोनो आँखे बंद कर ले और अष्टचक्र में से किसी एक चक्र को केन्द्र बिन्दु बनाकर उस पर फोकस करें। एक बात अवश्य दिमाग में रखें कि ध्यान का अभ्यास धीरे-धीरे करें। जरूरत पड़ने व सही जानकारी नहीं होने पर किसी एक्सपर्ट की सहायता ले।

मेडिटेशन करने के नुकसान

मेडिटेशन करने का कोई भी नुकसान नहीं होता है। ध्यान तो एक आरोग्य जीवन प्राप्त करने की कला है, इससे तो केवल लाभ प्राप्त होते है। जो व्यक्ति प्रतिदिन सही विधि से योग करता है उसका शरीर बलवान हो जाता है तथा बुद्धि तेज हो जाती है। इसलिए सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए ताकि मानसिक तनाव कम हो जाएं।

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