ncert class 6 science notes
भोजन कहाँ से आता है।
भोजन क्या हैं ( what is food )
जिन खाद्य पदार्थो ( गैहूँ, चावल, दाल, दूध, दही, माँस, पुष्प, फल आदि ) खाने से हमें उर्जा प्राप्त होती हैं।
खाद्य पदार्थ – शाकाहारी व माँसाहारी
स्त्रोत – पेड़, पौधे, जीव-जन्तु, पक्षी, जानवर आदि।
भोजन (food ) के रूप में पौधे के भाग और जंतु उत्पाद –
पेड़-पौधे हमारे भोजन का मुख्य स्त्रोत हैं। पौधो के एक या एक से अधिक भाग खाने योग्य होते हैं।
उदाहरण – पुष्प, पत्तियाँ, तना, जड़, फल, बीज खाने योग्य होते हैं, परन्तु सभी पौधो के नहीं।
कुछ बीजों (तरबूज, खरबूजा आदि ) को कच्चे या जल में भिगोकर अंकुरित (चना या दाल ) कर खाया जाता हैं।
शहद – मधुमक्खियाँ फूलो का रस ( मकरंद ) को इक्ठ्ठा कर के जमा करती हैं। मकरंद वर्ष में केवल एक बार ही इक्ठ्ठा किया जात हैं ताकि वर्ष भर भोजन के रूप में चल सके।
जंतु क्या खाते हैं
जंतुओ को तीन वर्गो में विभाजित किया गया हैं।
शाकाहारी – जो केवल पेड़-पौधौ पर निर्भर है ( गाय, भैस, जिराफ,खरगोश आदि )
माँसाहारी – जो केवल माँस खाते हैं ( शेर, चीता आदि )
सर्वाहारी – जो शाकाहारी व माँसाहारी दोनो होते हैं ( कुत्ता, बिल्ली, साँप, सूअर, चिड़ियाँ आदि )
मनुष्य शाकाहारी, माँसाहारी व सर्वाहारी सभी प्रकार के वर्ग में आता हैं।
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कुछ मह्त्वपूर्ण शब्द –
खाद्य – जिन पदार्थो को खाया जा सकता हैं। जेसे – गेहूँ, चावल, दूध, अण्डे, माँस, फल, पत्तियाँ, फल आदि।
अंकुरित बीज़ – जब बीज़ो को पर्याप्त जल में भिगोकर कुछ घंटो या दिनो के लिए रख दिया जाता हैं तथा उसके बाद उन बीजों से एक सफेद संरचना निकलने लगती हैं, तो बीज अंकुरित हो जाता हैं।
मकरंद – मधुमक्खियाँ पुष्पो के के मीठे रस को एकत्रित करती हैं जिसे मकरंद कहाँ जाता हैं।
संघटक (ingredient )- किसी संरचना (structure ) के सभी अवयव (elements) को संघटक कहते हैं।
उदाहरण – भोजन बनाने के लिए आवश्यक संघटक हैं – नमक, जल, सब्जियाँ, मसाले आदि।
Chapter 2
भोजन के घटक
विभिन्न प्रकार के खाद्य में क्या होता हैं।
पोषक – प्रत्येक खाद्य व्यंजन एक से अधिक कच्ची सामाग्री से मिलकर बना होता हैं, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इन कच्ची सामग्री को पोषक कहा जाता हैं।
उदाहरण – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण, विटामिन, आदि। पोषक के अलावा जल तथा रूक्षांश भी उचित मात्रा में जरूरी हैं।
कार्बोहाइड्रेट – शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं। भोजन में मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
- शर्करा
- मंड
लाभ – शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
स्त्रोत – आलू, मक्का, चावल, बाजरा, गन्ना आदि।
मंड़ के लिए परीक्षण
खाद्य पदार्थ की कुछ अल्प मात्रा लीजिए तथा इसमें तनु विलयन की 3-4 बूँदे डालिए। अगर मिश्रण नीला या काला हो जाता हैं, तो यह मंड की उपस्थिति को दर्शाता हैं।
प्रोटीन
- शारीरिक वृद्धि के लिए आवश्यक।
- स्त्रोत – दूध, दाले, अण्डा, आदि।
प्रोटीन के लिए परीक्षण
लाभ – शारीरिक वृद्धि में आवश्यक होते हैं। अतः इसे शरीर वर्धक भोजन कहा जाता है।
किसी पदार्थ की कुछ मात्रा लेकर उसका चर्ण बना ले। उसके बाद इसे परख-नली में डाले तथा 10 बूँद जल मिलाकर हिलाएँ। 2 बूँद कॉपर सल्फेट तथा 10 बूँद कॉस्टिक सोडा का विलयन डालें। कुछ मिनट के लिए परख-नली को हिलाकर रख दे । अब देखें कि मिश्रण का रंग बैंगनी हो गया है क्या। यह बैंगनी रंग प्रोटीन की उपस्थिति को दर्शाता हैं।
वसा क्या हैं
- शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
वसा के स्त्रोत – पादप तथा जंतु स्त्रोत जैसे – घी, दूध, माँस, अण्डे, आदि।
वसा के लिए परीक्षण
कुछ खाद्य पदार्थ की मात्रा ले एवं इसे एक कागज़ के टुकड़े में लपेट-कर धीरे से कूटिए। कागज़ को सीधा कीजिए। क्या कागज़ पर तेल के धब्बे दिखाई पड़े। अब कागज़ पर तेल के धब्बो से झांककर प्रकाश को देखें। क्या प्रकाश धुँधला दिखायी दिया। कागज़ पर तेल का धब्बा प्रकाश की उपस्थिति को दर्शाता हैं।
विभन्न पोषक हमारे शरीर के लिए क्या करते हैं।
वसा में कार्बोहाइड्रेट की अपेक्षा अधिक ऊर्जा होती हैं। इनकी आवश्यकता शरीर की वृद्धी के लिए आवश्यक हैं।
विटामिन – हमारे शरीर की रोगो से रक्षा करते हैं तथा आँख, दाँत, मसूड़ों, अस्थियों को स्वस्थ रखते हैं।
विटामिन के प्रकार
- A, B, C, D, E तथा E कुछ महत्वपूर्ण विटामिन के नाम हैं।
- B – COMPLEX विटामिनो का एक समूह हैं।
विटामिन A – त्वचा, आँखों को स्वस्थ रखता हैं।
विटामिन B – मुँह, जीभ व तंत्रिका प्रणाली के लिए लाभदायक।
विटामिन D – अस्थियों व दाँतों को स्वस्थ रखता हैं।
विटामिन C – त्वचा को सुन्दर व स्वस्थ रखता हैं, पकाने से नष्ट अथवा कम हो जाता हैं। अतः पूर्ति के लिए क्चचे फल व सब्जियाँ भी खाना आवश्यक हैं।
विटामिन E – बालो व त्वचा के लिए लाभदायक।
आहरी रेशे (रूक्षांश)
-
- ये शरीर को कोई पोषक प्रदान नही करते।
- भोजन का आयतन बढ़ा देते हैं।
- बिना पचे भोजन को शरीर से निकालने में सहायता करते हैं।
- इनका स्त्रोत (दाल, फल, सब्जियाँ) पादप हैं।
- पोषको के अलावा हमें रूक्षांश व जल की भी आवश्यकता होती हैं।
खनिज – लवण – अच्छे स्वास्थ, अनुरक्षण व विकास के लिए आवश्यक। शरीर को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती हैॆ।
उदाहरण – फॉस्फोरस, लोहा, कैलिश्यम आदि।
कैल्सिम के स्त्रोत – दूध, अण्ड़ा आदि।
आयोड़ीन के स्त्रोत – नमक, अदरक, पालक आदि।
फॉस्फोरस के स्त्रोत – दूथ, केला, हरी मिर्च आदि।
जल –
- भोजन में पोषक को अवशोषित करने में सहायता करता हैं।
- शरीर से मूत्र, पसीना आदि गंदगी को बहार करता हैं।
संतुलित आहार – प्रतिदिन जो खाया जाता हैं आहार कहलाता हैं। प्रयाप्त मात्रा में सभी आवश्यक पोषक तत्व, जल व रूक्षांश को संतुलित आहार कहते हैं। यह शरीर के उचित विकास व वृद्धि में सहायक हैं।
अभावजन्य रोग – भोजन में लम्बे समय तक किसी विशेष पोषक की कमी के कारण शरीर में उत्पन्न रोग । इसकी रोकथाम के लिए संतुलित आहार आवश्यक हैं।
उदाहरण – प्रोटीन के कमी से शारीरिक वृद्धि में कमी, चेहरे पर सूजन आदि।
विटामिन व खनिज-लवणों के अभाव के कारण होने वाले रोग
विटामिन A – क्षीणता व दृष्टिहीनता
विटामिन B – बेरी-बेरी रोग
विटामिन C – स्कर्वी रोग
विटामिन D – रिकेट्स रोग
विटामिन E – अरक्तता या ऐनीमिया
विटामिन K – रक्त का थक्का देरी से बनना
कैल्सियम – अस्थियँ व दंतक्षय विकार
लोहा – अरक्तता
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