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medieval indian history (मध्यकालीन भारत)
भारत पर अरबो का आक्रमण
- अरबो का भारत पर पहलाा सफल आक्रमण – मुहम्मद बिन कासिम द्वारा 712 ई. में. सिन्ध के राजा दाहिर को पराजित किया।
महमूद गज़नी
गजनी सम्राज्य का संस्थापक था।
17 बार भारत पर आक्रमण किया। पहला आक्रमण 1001 ई. में जयपाल के विरद्ध किया था। 1008 ई. में नगर कोट आक्रमण किया, जोकि मूर्तिवाद के खिलाफ था। 1025 ई. सोमनाथ मंदिर(सौराष्ट्र) पर आक्रमण किया।
चक्रस्वामिनी मूर्ति को लूटकर गजनी ले गया।
प्रमुख पुस्तक व उनके लेखक
अलबरूनी – किताबुल हिन्द फिरदौसी– शाहीनामा, उत्बी व फारूखी गजनी के लेखक थे।
मुहम्मद गौरी ( muhammad ghori )
- गजनी के अधीन एक शासक था। 1175 ई. में प्रथम आक्रमण मुल्तान पर किया। दूसरा आक्रमण पाटन(गुजरात) पर किया एवं भीम द्वित्तीय द्वारा पराजित किया गया।
- तराईन का प्रथम युद्ध 1191 ई. में गौरी तथा पृथ्वीराज चौहान के मध्य हुआ। चौहान विजयी हुआ।
- तराईन का द्वित्तीय युद्ध 1192 ई. में गौरी तथा चौहान के बीच हुआ। – गौरी विजयी हुआ।
- तराईन का तृत्तीय युद्ध 1193 ई. में गौरी तथा जयचंद के बीच हुआ, गौरी विजयी हुआ।
सलतनत काल ( saltanat meaning in hindi )
गुलाम वंश ( ghulam dynasty rulers )
संस्थापक -कुत्तुबद्दीन ऐबक ( kutubuddin aibak )
कुतुबमीनार, कुवत उल इस्लाम मस्जिद का निर्माण कराया। अजमेर में ढाई दिन का झौपड़ा (पहले एक विद्यालय था, विग्रराज चतुर्थ बीसलदेव द्वारा निर्माण) का निर्माण कराया। बख्तियार खिलजी ( ऐबक का सहायक सेनापति) नालान्दा विश्वविद्याय को तोड़ने में एबक का मद्दगार था।
चौगान खेलते समय घोड़े से गिरकर मृत्यु हो गयी। लाहौर में दफनाया गया। (medieval indian history).
इल्तुतमिश ( iltutmish )
यह ऐबक का दामाद व गुलाम था। यह एक तुर्क शासक था। राजधानी को लाहौर से दिल्ली ले गया।
इकता प्रथा की शुरूआत की। बगदाद खलीफा से सुल्तान पद स्वीकृत लिया।
Tomb – सुल्तान गढ़ी का मकबरा, महरौली दिल्ली में। कुतबमीनार को पूरा करवाया। सबसे पहले अरबी सिक्के चलवाये।
तुर्कान-ए-चिहलगानी की स्थापना करी।
रजिया बेगम ( razia sultan )
- इल्प्रतुतमिश की पुत्री एवं महिला मुस्लिम शासक थी। चोगा, कुलाहा धारण किया।
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बलवन अथवा बहुद्दीन ( balwan )
गियासुद्दीन बलवन के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा। तुर्कान-ए-चिहलगानी का विनाश किया। दिवान-ए-अर्ज ( सैन्य विभाग ) की स्थापना।
- सिजदा, पैबोस प्रथा व लौह रक्त नीति की शुरूआत। अमीर खुसरो ( हिन्द का तोता ) व अमीर हसन बलवन के दरबार में रहते थे।
खिलजी वंश ( khilji dynasty )
संस्थापक – जलालुद्दीन फिरोज खिलजी।
अलाउद्दीन खिलजी ( alauddin khilji )
बचपन का नाम अली अथवा गुरशास्प
- घोड़ा दागने, सैनिको का हुलिया लिखने की प्रथा की शुरूआत की। दैवी अधिकार सिद्धान्त चलाया। सेना को नगद वेतन एवं स्थायी सेना की स्थापना। medieval indian history.
मूल नियन्त्रण प्रणाली की शुरूआत। इक्ता प्रथा की शुरूआत की।
चित्तौड़ विजय दौरान चित्तौड़ का नाम बदलकर खिज्रबाद कर दिया। स्वंय को सिकन्दर-ए-सानी उपाधि से घोषित किया।
तारीखे फिरोजशाही जियाउद्दीन बरनी द्वार लिखी गयी।
खजाइनुल-फतूह अमीर खुसरो द्वारा लिखी गयी। रिहला, इब्न बतूता द्वारा तथा फुतुहस्सलातीन, इसामी द्वारा लिखी गयी पुस्तके हैं।
चराई तथा गढ़ी करो की शुरूआत की।
जमैयत खाना मस्जिद, अलाई दरवाजा, सीरी का किला, हजार खम्भा महल का निर्माण कराया।
Important Books and Their writers
कुतुबद्दीन मुबारक खिलजी ( kutubuddin mubarak khilji )
नग्न स्त्री व पुरूषो को पसंद करता था एवं कभी – कभी दरबार में नग्न होकर दरबारियों के बीच दौड़ता था।
तुगलक वंश ( tuglak vansh in hindi )
गयासुद्दीन तुगलक ( gayasuddin tuglak )
29 बार मंगोल आक्रमणो को विफल किया। नहरो का निर्माण कराने वाला पहला शासक।
तुगलकाबाद ( दिल्ली ) दुर्ग or छप्पनकोट दुर्ग का रोमन शैली में निर्माण करवाया।
जूना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर मृत्यु हो गयी।
मुहम्मद बिन तुगलक ( जूना खाँ ) ( muhammad bin tughluq )
एडवर्ड थामस द्वारा प्रिंस ऑफ मनीअर्स कहा गया। इसे स्वप्नशील, पागल, रक्त पिपासु भी कहा जाता था। राजधानी दिल्ली से देवगिरी ले गया और इसका नाम दौलताबाद रखा।
सांकेतिक मुद्रा चलायी। जिन प्रभासूर ( जैन साधू ) से विचार विमर्श किया। मोरक्को ( अफ्रीका ) यात्री इब्न बतूता ( ibn battuta ) को दिल्ली का काजी बनाया एवं राजदूत के रूप में चीन भेजा। रेहला पुस्तक इब्न बतूता द्वारा लिखी गई।
मुहम्मद बिन तुगलक काल में ही हरिहर बुक्का ( harihar bukka )द्वारा विजय नगर स्थापना की गयी।
अलाउद्दीन बहमन शाह द्वारा महाराष्ट्र में स्वतन्त्र बहमनी राज्य की स्थापना की गयी। बहमन राज्य की मुद्रा हूण थी।
फिरोज तुगलक ( feroz shah tughlaq )
ब्राहम्णो पर जजिया कर ( jajiya kar ) लगाने वाला प्रथम मुस्लिम शासक। कोटला फिरोजशा दुर्ग का निर्माण कराया।
खिज्रबाद ( टोपरा ) व मेरठ से अशोक के दो स्तम्भो को दिल्ली लाया। इक्ता प्रथा ( ikta pratha ) की दोबार शुरूआत की। 24 करो को समाप्त किया, केवल 4 कर ( खराज, खुम्स, जजिया एवं जकात ) को रहने दिया। दासो की देखरेख के लिए दिवाने-ए-बंदगान बनवाया।
दीवाने-ए-इस्तिहाक पेशंन विभाग का निर्माण कराया। दीवाने-ए-खैरात मुस्लिम महिलाओ के लिए बनवाया। सबसे अधिक दास रखे ( लगभग 1,80,000 ). सैन्य पदो को वंशानुगत बना दिया। 300 नगरो का निर्माण करवाया जिनमें हिसार, फिरोजाबाद(दिल्ली) फतेहबाद, जौनपुर, फिरोजपुर प्रमुख हैं।
आत्मकथा – फतूहत-ए-फिरोजशाही
फिरोज तुगलक ने ज्वालामुखी मंदिर पुस्तकाल्य से लूटे गये ग्रन्थो में से कुछ का अपाउद्दीन द्वारा दलायते फिरोजशाही नाम से फारसी में अनुवाद कराया।
सैयद वंश
संस्थापक – खिज्र खाँ
लोदी वंश
संस्थापक – बहलोल लोदी
बहलोल लोदी ने दिल्ली पर प्रथम अफगान राज्य की स्थापना की। बहलोल सिक्के चलवाये।
सिकन्दर लोदी
पिता – बहलोल लोदी तथा पुत्र इब्राहिम लोदी था।
आगरा शहर की स्थापना करवायी। गजे सिकन्दरी भूमि नाप की शुरुआत करायी। फारसी में गुलरुखी शीर्षक कविताए लिखवायी। नगरकोट में ज्वालामुखी मंदिर की मूर्तियों को तुड़वाया। तजिया, स्त्रियों के पीरे पर जाने, संतों की मजार पर जाने पर रोक लगवायी। संस्कृत आयुर्वेद ग्रंथ का फारसी में फरहंगे सिकन्कदरी के नाम से अनुवाद करवाया।
पानीपत का प्रथम युद्ध 1526 इस्वी में इब्राहिम लोदी व बाबर के मध्य हुआ। इब्राहिम लोदी पराजित हुआ।
विजयनगर (जीत का शहर )
संस्थापक – हरिहर बुक्का, राजधानी- हम्पी, मुद्रा- पेगोडा, हरिहर बुक्का के पिता का नाम संगम था।
संगम राजवंश की स्थापना हरिहर बुक्का द्वारा की गयी।
विजय नगर वंश क्रम से इस प्रकार हैं – संगम, सलुब, तुलुब तथा अरावीडु।
देवराय द्वितीय या इमाड़ी देवराय या जगबेटकर
यह संगम वंश का सबसे प्रतापी शासक था। फारसी राजदूत अब्दुल रज्जाक इसी के काल में भारत आया।
इटली यात्री निकोलस काण्टी, देवराय प्रथम के काल में भारत आया। देवराय द्वित्तीय द्वारा संस्कृत नाटक महानाटक सुधानिधि व बहृसूत्र लिखे गये।
प्रोढ़ देवराय मल्लिकार्जुन का कहा जाता हैं।
तुलव वंश
संस्थापक – वीर नरसिंह, कृष्णदेवराय सबसे महान शासक था।
कृष्णदेवराय
बाबर ने इसे भारत का सबसे शक्तिशाली शासक कहा। इसने आन्ध्रभोज, अभिनव भोज तथा आन्ध्र पितामहा की उपाधि धारण की।
पुर्तगाली यात्री डोमियस पायस तथा बारबोसा इसी के काल में भारत आये। अष्ट दिग्गज ( 8 सर्वश्रेष्ठ कवि ) को तेलुगु साहित्य का क्लासिक युग कहा जाता हैं। इसी नागपुर, हजारा तथा विठ्ठलस्वामी मंदिरो का निर्माण करवाया।
संगम वंश शासक क्रम से इस प्रकार हैं – हरिहर, बुक्का, हरिहर द्वित्तीय, देवराय प्रथम, देवराय द्वित्तीय, मल्लिकार्जुन, विरूपाक्ष प्रथम ।
1665 राक्षसी तंगडी या तालिकोटा या बन्नी का युद्ध विजय नगर के पतन का कारण बना।
बहमनी राज्य
संस्थापक – हसन गंगू या अलाउद्दीन हसन बहमन शाह। इसके पुत्र महुम्मदशाह ने सर्वप्रथम बारूद का प्रयोग किया था जो कि बुक्का के विरूद्ध था।
स्वतन्त्र प्रान्तीय राज्य
फिरोज शाह तुगलक ने भाई जौना खाँ की स्मृति में जौनपुर की स्थापना की। इब्राहिम शाह के समय जौनपुर भारत के सिराज के नाम से प्रसिद्ध था।
75 वर्ष स्वतन्त्र रहने के बाद जौनपुर पर बहलोल लौदी ने कब्जा किया। विजयचन्द्र द्वारा निर्मित मन्दिर को तोडकर इब्राहिमशाह ने अटाला देवी मस्जिद का निर्माण करवाया।
कश्मीर राज्य की स्थापना हिन्दु शासक सूहादेव द्वारा की गयी। शाहमीर कश्मीर का प्रथम मुस्लिम शासक था। जैन-अल-आबादीन को कश्मीर का अकबर कहा जाता था। यह फारसी, संस्कृत, कश्मीरी, तिब्बती भाषाओ का ज्ञान रखता था। इसने महाभारत, राजतरंगणी का फारसी में अनुवाद करवाया।
मेवाड़
राजधानी – चित्तौड़ । राणा कुम्भा ने चित्तौड़ में विजय स्तमभ ( विष्णु को समर्पित ) का निर्माण करवाया।
1527 ई. में खानवा का युद्ध राणा साँगा व बाबर के मध्य हुआ। बाबर विजयी हुआ।
1576 ई. में हल्दीघाटी का युद्ध महाराण प्रताप व अकबर के मध्य हुआ।