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bharat ka bhugol | bharat ka bhugol in hindi

bharat ka bhugol in hindi

भारत का भूगोल ( bharat ka bhugol )

अरावली की पहाड़ियाँ

अरावली की पहाड़ियाँ राजस्थान में स्थित हैं। इसकी सबसे ऊँची चोटि गरुशिखर हैं, जोकि माउण्ट आबू पर्वत पर हैं।

मालवा का पठार ( Malwa Plateau )

विन्धयाचल पठार ( vindhya plateau )

  1. झारखण्ड़, उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ में हैं।
  2. उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करता हैं।

मैकाल का पठार ( maikal plateau )

  1. ब्लाक पर्वत श्रेणी है। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित हैं। सर्वोच्च शिखर अमरकंट (amarkantak range)  हैं।
  2. नर्मदा, सोना तथा महानदी ( mahanadi ) नदियों का उद्गम स्थल हैं।

छोटानागपुर पठार ( chota nagpur plateau )

सतपुड़ा की पहाड़िया ( satpura range )

दक्कन का पठार ( deccan plateau )

धारवाड़ ( dharwar range )  ( कर्नाटका )

madhyakalin bharat in hindi

नीलगिरी पहाड़ि ( nilgiri range )

अन्नामलाई पहाड़ी

कोड़ाईकनाल  ( kodaikanal lake ) पर्यटक स्थल पालनी ( तमिलनाड़ु ) में स्थित हैं।

महेन्द्रगिरि पहाड़ी ( mahendragiri hills ) – आन्ध्रप्रदेश व उड़ीशा में हैं।


पश्चिम घाच के दर्रे ( paschim ghat ke darre )

थाल घाट – नासिक व मुम्बईं

भोर घाट – मुम्बईं व पूणे

पाल घाट –  कोयेमबटूर व कोचीन

सिनकोट घाट – त्रिवेन्द्रम व मदुरै

भारत के पूर्वी समुद्री तट

कन्याकुमारी से कृष्णा ड़ेल्टा – कोरोमंड़ल ( coromandel darra )

कृष्णा ड़ेल्टा से गोदावरी – गोलकुड़ा ( golkunda darra )

गोदावरी डेल्टा से उत्तरीय भाग – उत्तरी सरकार तट


पूर्वी तट बन्दरगाह ( west coast ports in india )

पूर्वी तट पर लैगून

पश्चिमी तट ( west coast of india )

  1. गुजरात से गोवा – कोंकण तट ( konkan coast )
  2. गोवा से मंगलूर – केनरा तट ( kanara coast )
  3. मंगलूर से क्नयाकुमारी – मालबार तट ( malabar coast )

पश्चिमी तट पर बन्दरगाह ( west coast ports in india )

कांड़ला ( kandla port ) – गुजरात    मार्मागोवा ( mormugao port ) – गोवा

मुम्बईं ( mumbai coast ) – महाराष्ट्र             कोच्चि  ( kochi coast ) – केरला

न्हावाशोवा – महाराष्ट्र   सुपारा – महाराष्ट्र


भारतीय द्वीप ( indian islands )

अण्ड़मान निकोबार ( andaman nicobar dweep )

लक्षद्वीप ( lakshadweep )

अरब सागर में ( arabian sea ) स्थित हैं।

पम्बन द्वीप ( pamban island ) – मन्नार की खाड़ी में हैं।

श्रीहरिकोटा ( sriharikota dweep ) प्रवाल द्वीप नेल्लौर ( आन्ध्रप्रदेश ) में हैं। यह पुलीकट झील को समुद्र से अलग करता हैं।


प्रमुख जल – अन्तराल (pramukh jal antral)

8 ड्रिग्री चैनल – मालद्वी – मिनीकाय

ग्रैण्ड़ चैनल – सुमात्रा व निकोबार

पाक स्ट्रेट ( palk strait )– तमिलनाड़ू व श्रीलंका

डुकंनपास ( duncan passage )  – दक्षिणी अण्ड़मान व लघु अंण्मान

कोका स्ट्रेट – कोकोद्वीप ( मयामार ) व उत्तरी अंण्ड़मान ( भारत )

पाक खाड़ी – तमिलनाड़ू व श्रीलंका

लक्षद्वीप सागर ( lakshman sagar ) – लक्षद्वीप व मालबार

सेतुसमुद्रम परियोजना ( sethusamudram yojana ) – मन्नार खाड़ी व पाक खाड़ी

ग्रेट चैनल ( great channel ) – इंदिरा पॉइंट व इण्डोनेशिया

भागीरथी (bhagirathi vihar)

अलकनंदा(alaknanda river)

अलकनंदा तथा भागीरथी – गंगा ( देवप्रयाग के बाद ) कहलाती हैं।

 

हिमालय समूह – सिन्धु, गंगा, ब्रहृपुत्र को

सिंध नदी – जम्मू व कश्मील में।

प्रायद्वीप नदियाँ उत्तर से दक्षिण दिशा में

प्रायद्वीप नदियाँ लम्बाईं अनुसार घटते क्रम में

भारत की झीले- bharat ka bhugol

राजस्थान

 

जम्मू व कश्मीर

उत्तराखंड़

केरल

लोकटक झील (loktak jheel)

लोनार झील(lonar lake) – महाराष्ट्र के बुढ़वाना जिला

चिल्का झील – उड़ीसा

पुलीकट झील(pulicat jheel) – आन्ध्र प्रदेश व तमिलनाड़ू में

कोलेरू हुसैनसागर – आन्ध्रप्रदेश में

गोविंद सागर (govind sagar jheel) – रोपड़ ( पंजाब )

चोलामू – सिक्किम

उकाई

चंबल नदी

नागार्जुन सागर

निजामसागर ( तेलंगाना ) –  मजरा नदी पर हैं।

तुंगभद्रा ( कर्नाटका ) – तुंगभद्र नदी पर


भारत के जलप्रपात (waterfall in india)

जोग या गरसोप्पा (gersoppa falls) – शरावती नदी

येन्ना, धुआँआर – नर्मदा

शिवसमुद्रंम (shivasamudram falls)  – कावेरी

गोकक – गोकक पर

पायकारा – नीलगिरी

टोंस – बिहार में

स्वर्णरेखा – हुंड़रू


भारत की नदियाँ(rivers of india)

नदियाँ व उद्गम स्थल

गंगा – गोमुख हिमानी (गंगोत्री ) से, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।

बहृपुत्र (brahmaputra river)

महानदी – रायपुर ( छत्तीसगढ़ ) से।

कृष्णा – महाबलेश्वर के समीप से

गोदावरी ( वृद्ध गंगा या दक्षिण गंगा ) – नासिक ( महाराष्ट्र )

कावेरी (kaveri river)

पेन्नार – कर्नाटका

हुगली – गंगा की शाखा।

बैगाई – कण्ड़न मणिकन्यूर ( तमिलनाड़ू )

सतलज – राकसताल

सिन्धु (sindhu river)

रावी – कांगड़ा जिला, रोहतांग दर्रा के समीप

झेलम(jhelum river) – शेषनाग झील

व्यास – व्यास कुंड़

यमुना (yamuna river) – बंदरपूछ, यमुनोत्री हिमानी। प्रयाग में संगम।

चम्बल –जानापाव पहाड़ी, मध्य प्रदेश। देश के सबसे गहरे गढ्ढो का निर्माण करती हैं।

रामगंगा – नैनीताल समीप हिमालय श्रेणी।

शारदा ( काली गंगा ) – कुमायुँ

घाघरा या करनाली या कौरियाला – तकलाकोट ( नेपाल )

गण्डक – नेपाल

कोसी – गोसईनाथ

बेतवा या वेत्रवती (betwa nadi) – विंध्याचल पर्वत

सोन – अमरकंट


खम्भात की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ

नर्मदा

ताप्ती (tapti river) – बैतुर ( मध्य प्रदेश ) – डेल्टा की बजाय एश्चुअरी बनाती हैं।

माही (mahi river) – मेहद झील, बजाज सागर बाँध

क्षिप्रा (shipra river) –  काकरी बरडी पहाड़ी, इन्दोर।

लूनी (luni river) – अरावली पर्वत

सोम – बीछा, उदयपुर

साबरमती (sabarmati river) – जयसमुद्र झील, अरावली पर्वत।


चम्बल ( चर्मावती प्राचीन में ) – विन्धयाचल

बनास ( वन की आशा ) – खामनेर पहाड़ी, राजस्थान।

बाण गंगा – बैराठ पहाड़ी, जयपुर।

तुंगभद्रा (tungabhadra river) – कर्नाटका

दिक्षिणी – कैमूर पहाड़ियाँ।

पेरियार – पेरियार झील, केरल।

उमियम – उमयिम झील, मेघालय।


कावेरी, महानदी ड़ेल्टा नहीं बनाती।

यमुना की सहायक नदीं – बेंतवा, चम्बल, कैन।

भारतीय जलवायु(bhartiya jalvayu)

उष्णकटिबंधीय व मानसूनी हैं।

प्रभावित करने वाले कारक – मानसून, हिमालय, हिन्द महासागर

भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान (India Meteorological Department) – दिल्ली में

मौसम विज्ञान वैद्यशाला – पुणे में

जनवरी व फरवरी में तमिलनाड़ु तट(कोरोमंड़ल तट) पर वर्षा का कारण – लौटती हुई (उत्तर-पश्चिम मानसून)

ग्रीष्म ऋतु में  त्रीव आद्र हवाऐ व गरज वर्षा

कर्नाटक में चेरी ब्लास्म या कॉफी वर्षा कहलती हैं।

केरल में आम वर्षा (mango shower) कहलाती हैं।

गरजने वाला चालीसा – पश्चिमी पवन को कहा जाता हैं।

लू(loo) – उत्तर-पश्चिम के शुष्क भागो में गर्म हवा को कहा जाता हैं।

मानसून गर्त – उत्तर-पश्चिम भारत व पाक में उष्णदाब वर्षा ऋतु में

भारत में 80 प्रतिशत वर्षा का कारण – दक्षिण-पश्चिम मानसून हैं।

इसकी 65% वर्षा अरब सागर के कारण तथा 35% वर्षा बंगाल की खाड़ी के कारण होती हैं।

मानसून प्रस्फोट  अरब सागर में होता हैं। सबसे पहले मानसून केरल  में हैं। जून के प्रथम सप्ताह में।

विश्व में सर्वाधिक वर्षा मासिनराम (मेघालय) में बंगाल की खाड़ी मानसून से।

राजस्थान में वर्षा अभाव का कारण – मानसून का अरावली श्रेणी के समानान्तर होना

केन्द्रीय मृदा संरक्षण – जोधपुर

भारत की मिट्टी ( types of soil in India )

 

जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट, मरूस्थलीय, क्षारीय, पीटमय व जैव तथा वनीय।

मृदा विज्ञान को कहते हैं – pedology

 

जलोढ़ मिट्टी (jalod soil)

काली मिट्टी (black soil)

लाल मिट्टी (red soil)

लैटराइट मिट्टी (laterite soil)

भारत में मृदा विस्तार

जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट ( घटते क्रम में )