bharat ka bhugol in hindi
भारत का भूगोल ( bharat ka bhugol )
अरावली की पहाड़ियाँ
अरावली की पहाड़ियाँ राजस्थान में स्थित हैं। इसकी सबसे ऊँची चोटि गरुशिखर हैं, जोकि माउण्ट आबू पर्वत पर हैं।
- माही, लूनी तथा बनास यही से निकलती हैं।
मालवा का पठार ( Malwa Plateau )
- मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में स्थित हैं।
- चम्बल तथा बेतवा नदी का उदगम स्थल हैं।
विन्धयाचल पठार ( vindhya plateau )
- झारखण्ड़, उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ में हैं।
- उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करता हैं।
मैकाल का पठार ( maikal plateau )
- ब्लाक पर्वत श्रेणी है। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित हैं। सर्वोच्च शिखर अमरकंट (amarkantak range) हैं।
- नर्मदा, सोना तथा महानदी ( mahanadi ) नदियों का उद्गम स्थल हैं।
छोटानागपुर पठार ( chota nagpur plateau )
- भारत का रूर भी कहा जाता हैं। खनिज भंड़ार की दृष्टि से भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदेश हैं।
सतपुड़ा की पहाड़िया ( satpura range )
- मध्य प्रदेश में स्थित हैं। ज्वालामुखी चट्टानो से बना हैं। सबसे ऊंची चोटि धूपगढ़ी ( dhupgarh ) हैं, जोकि महादेव पर्वत ( mahadev range ) पर हैं।
- ताप्ती नदी का उदगम स्थल हैं।
दक्कन का पठार ( deccan plateau )
- महाराष्ट्र में स्थित हैं। पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता हैं।
- काली मिट्टी का क्षेत्र हैं।
- पश्चिम में सहाद्रि की पहाड़ियाँ हैं, जिसकी सबसे ऊँची चोटी काल्सुबाईं हैं।
- महाबलेश्वर चोटी ( सहाद्रि ) से कृष्णा नदी का उद्गम होता हैं।
धारवाड़ ( dharwar range ) ( कर्नाटका )
- बाबाबुदन पहाड़ी व ब्रहृमगिरी (कावेरी नदी निकलती हैं। ) पहाडी यही स्थित हैं।
नीलगिरी पहाड़ि ( nilgiri range )
- तमिलनाड़ु राज्य में स्थित हैं। सर्वोच्च शिखर डोडाबेट्टा ( doddabetta peak ) हैं।
- ये पहाड़ी पूर्वी व पश्चिमी घाट के मिलन स्थल पर स्थित हैं।
अन्नामलाई पहाड़ी
- सर्वोच्च शिखर अनैमुदि ( anamudi peak )( दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटी )
- अनैमदि तीन पहाड़ियों ( इलायची, अन्नामलाईं व पालनी ) का केन्द्र बिन्दु हैं।
कोड़ाईकनाल ( kodaikanal lake ) पर्यटक स्थल पालनी ( तमिलनाड़ु ) में स्थित हैं।
महेन्द्रगिरि पहाड़ी ( mahendragiri hills ) – आन्ध्रप्रदेश व उड़ीशा में हैं।
पश्चिम घाच के दर्रे ( paschim ghat ke darre )
थाल घाट – नासिक व मुम्बईं
भोर घाट – मुम्बईं व पूणे
पाल घाट – कोयेमबटूर व कोचीन
सिनकोट घाट – त्रिवेन्द्रम व मदुरै
भारत के पूर्वी समुद्री तट
कन्याकुमारी से कृष्णा ड़ेल्टा – कोरोमंड़ल ( coromandel darra )
कृष्णा ड़ेल्टा से गोदावरी – गोलकुड़ा ( golkunda darra )
गोदावरी डेल्टा से उत्तरीय भाग – उत्तरी सरकार तट
पूर्वी तट बन्दरगाह ( west coast ports in india )
- पाराद्वी – उडीसा में
- विशाखापट्टनम – आन्ध्रप्रदेश
- कोलकत्ता – पश्चिमी बंगाल
- चेन्नई
- तूतीकोरन – तमिलनाड़ू
- ऐन्नौर – तमिलनाड़ू
पूर्वी तट पर लैगून
- पुलीकट ( pulicat lake lagoon ) – चेन्नईं
- चिल्का ( chilika lagoon ) – पुरी
- कोलेरू ( kolleru lake lagoon ) – आन्ध्रप्रदेश
पश्चिमी तट ( west coast of india )
- गुजरात से गोवा – कोंकण तट ( konkan coast )
- गोवा से मंगलूर – केनरा तट ( kanara coast )
- मंगलूर से क्नयाकुमारी – मालबार तट ( malabar coast )
पश्चिमी तट पर बन्दरगाह ( west coast ports in india )
कांड़ला ( kandla port ) – गुजरात मार्मागोवा ( mormugao port ) – गोवा
मुम्बईं ( mumbai coast ) – महाराष्ट्र कोच्चि ( kochi coast ) – केरला
न्हावाशोवा – महाराष्ट्र सुपारा – महाराष्ट्र
भारतीय द्वीप ( indian islands )
अण्ड़मान निकोबार ( andaman nicobar dweep )
- बंगाल की खाड़ी ( bay of bengal ) में स्थित हैं
- क्षेत्रफल में सबसे बड़ा केनद्रशासित राज्य
- सबसे ऊँची चोटि सैड़ल पीक ( saddle peak )
- माउण्ड़ हेरियट ( अण्ड़मान ) तथा माउण्ड़ लुथियर ( निकोबार ) में
- पोर्ट ब्लेयर ( port blair ) ( अंड़मान ) केन्द्रशासित राज्यों में सबसे बड़ा बन्दरगाह
लक्षद्वीप ( lakshadweep )
अरब सागर में ( arabian sea ) स्थित हैं।
- पिटली द्वीव ( पक्षी अभयारण्य ) स्थित हैं
- सबसे बड़ा द्वीप आण्ड्रेट द्वीप हैं
पम्बन द्वीप ( pamban island ) – मन्नार की खाड़ी में हैं।
श्रीहरिकोटा ( sriharikota dweep ) प्रवाल द्वीप नेल्लौर ( आन्ध्रप्रदेश ) में हैं। यह पुलीकट झील को समुद्र से अलग करता हैं।
प्रमुख जल – अन्तराल (pramukh jal antral)
8 ड्रिग्री चैनल – मालद्वी – मिनीकाय
- 9 ड्रिग्री चैनल – लक्षद्वीप व मिनीकाय
- 10 ड्रिग्री चैनल – छोटा अंडमान व कार निकोबार
ग्रैण्ड़ चैनल – सुमात्रा व निकोबार
पाक स्ट्रेट ( palk strait )– तमिलनाड़ू व श्रीलंका
डुकंनपास ( duncan passage ) – दक्षिणी अण्ड़मान व लघु अंण्मान
कोका स्ट्रेट – कोकोद्वीप ( मयामार ) व उत्तरी अंण्ड़मान ( भारत )
पाक खाड़ी – तमिलनाड़ू व श्रीलंका
लक्षद्वीप सागर ( lakshman sagar ) – लक्षद्वीप व मालबार
सेतुसमुद्रम परियोजना ( sethusamudram yojana ) – मन्नार खाड़ी व पाक खाड़ी
ग्रेट चैनल ( great channel ) – इंदिरा पॉइंट व इण्डोनेशिया
भागीरथी (bhagirathi vihar)
- उद्गम – उत्तरकाशी ( गंगोत्री, हिमानी गंगा )
अलकनंदा(alaknanda river)
- उद्गम – बद्रीनाथ ( सतोपंथ हिमानी )
अलकनंदा तथा भागीरथी – गंगा ( देवप्रयाग के बाद ) कहलाती हैं।
- बांग्लादेश में पद्या के नाम से जानी जाती हैं।
- बंगाल की खाड़ी में गिरने के पद्या से निकली धारा हैं – मेघना ( गंगा व ब्रहृपुत्र धारा )
हिमालय समूह – सिन्धु, गंगा, ब्रहृपुत्र को
सिंध नदी – जम्मू व कश्मील में।
प्रायद्वीप नदियाँ उत्तर से दक्षिण दिशा में
- महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी, वैगाई
- ये सभी बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
प्रायद्वीप नदियाँ लम्बाईं अनुसार घटते क्रम में
- गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा, महानदी, कावेरी, ताप्ती।
- बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं ( नर्मदा व ताप्ती को छोड़कर )
-
नर्मदा ( गुजरात की जीवन रेखा कहलाती हैं ) व ताप्ती खम्बात की खाड़ी में गिरती हैं।
भारत की झीले- bharat ka bhugol
राजस्थान
- राजसमंद, जयसमंद, पिछौला, सांभर, लुनकरनसर, फतेहसागर, ड़ीड़वाना ( खारा पानी )
- सांभर (sambhar lake) – खारे पानी की भारत की सबसे बड़ी झील।
जम्मू व कश्मीर
- डल, वुलर, बैरीनाग, शेषनाग, अनंतनाग, नागिन, मानसबल
- वुलर (wular lake) – भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील।
उत्तराखंड़
- सातताल, नैनीताल, राकसताल, मालाताल, देवताल, नौकुछियाताल, खुरपाताल
केरल
- बेम्बानड़, अष्टमुदी
- बेम्बानड़ पर वेलिंगटन द्वीप ( NH – 47 भारत का सबसे छोटा highway 6 km )
- बेम्बानड़ पर राष्ट्रीय नौकायन प्रतियोगिता होती है।
लोकटक झील (loktak jheel)
- मणिपुर में
- पूर्वोत्तर भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील हैं।
- केबुलालामजोओ तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क यही हैं।
लोनार झील(lonar lake) – महाराष्ट्र के बुढ़वाना जिला
चिल्का झील – उड़ीसा
- भारत की सबसे बड़ी तटीय झील
- खारे पानी की लैगून झींल है।
पुलीकट झील(pulicat jheel) – आन्ध्र प्रदेश व तमिलनाड़ू में
कोलेरू व हुसैनसागर – आन्ध्रप्रदेश में
गोविंद सागर (govind sagar jheel) – रोपड़ ( पंजाब )
- गोविंद सागर सतलज नदी (sutlej river) पर हैं।
- भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील हैं।
- भाँखड़ा नागल बाँध इसी पर हैं
चोलामू – सिक्किम
- भारत की सबसे अधिक ऊँची झील।
- तीस्ता नदी यही से निकलती हैं।
उकाई
- गुजरात में
- ताप्ती नदी यही से निकलती हैं।
- यह मानव निर्मित हैं।
चंबल नदी
- राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर ( राजस्थान ), गाँधी सागर ( मध्य प्रदेश )
नागार्जुन सागर
- कृष्णा नदी पर
- यह नालगोंड़ा जिला – तेलंगाना तथा गुंटर ( आन्ध्र प्रदेश ) में
निजामसागर ( तेलंगाना ) – मजरा नदी पर हैं।
तुंगभद्रा ( कर्नाटका ) – तुंगभद्र नदी पर
भारत के जलप्रपात (waterfall in india)
जोग या गरसोप्पा (gersoppa falls) – शरावती नदी
येन्ना, धुआँआर – नर्मदा
शिवसमुद्रंम (shivasamudram falls) – कावेरी
गोकक – गोकक पर
पायकारा – नीलगिरी
टोंस – बिहार में
स्वर्णरेखा – हुंड़रू
भारत की नदियाँ(rivers of india)
नदियाँ व उद्गम स्थल
गंगा – गोमुख हिमानी (गंगोत्री ) से, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
बहृपुत्र (brahmaputra river)
- मानसरोवर झील ( तिब्बत ) से उद्गम।
- भारत में उद्गम नहीं होता।
- तिब्बत में सांपू व असम, अरूणाचल में दिहांग के नाम से जानी जाती हैं।
महानदी – रायपुर ( छत्तीसगढ़ ) से।
कृष्णा – महाबलेश्वर के समीप से
गोदावरी ( वृद्ध गंगा या दक्षिण गंगा ) – नासिक ( महाराष्ट्र )
कावेरी (kaveri river)
- ब्रहृगिरी की पहाड़ी ( कर्नाटका )
- दक्षिण भारत की गंगा भी कहा जाता हैं।
- शिवसमुद्रम जलप्रपात, शिवसमुद्रम द्वीप तथा श्रीरंगापट्टम यही पर स्थित हैं।
पेन्नार – कर्नाटका
हुगली – गंगा की शाखा।
बैगाई – कण्ड़न मणिकन्यूर ( तमिलनाड़ू )
सतलज – राकसताल
सिन्धु (sindhu river)
- सानोख्याबाद हिमनदी, मानसरोवर, तिब्बत
- यह अरब सागर में गिरती हैं।
रावी – कांगड़ा जिला, रोहतांग दर्रा के समीप
झेलम(jhelum river) – शेषनाग झील
व्यास – व्यास कुंड़
यमुना (yamuna river) – बंदरपूछ, यमुनोत्री हिमानी। प्रयाग में संगम।
चम्बल –जानापाव पहाड़ी, मध्य प्रदेश। देश के सबसे गहरे गढ्ढो का निर्माण करती हैं।
रामगंगा – नैनीताल समीप हिमालय श्रेणी।
शारदा ( काली गंगा ) – कुमायुँ
घाघरा या करनाली या कौरियाला – तकलाकोट ( नेपाल )
गण्डक – नेपाल
कोसी – गोसईनाथ
बेतवा या वेत्रवती (betwa nadi) – विंध्याचल पर्वत
सोन – अमरकंट
खम्भात की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ
नर्मदा
ताप्ती (tapti river) – बैतुर ( मध्य प्रदेश ) – डेल्टा की बजाय एश्चुअरी बनाती हैं।
माही (mahi river) – मेहद झील, बजाज सागर बाँध
क्षिप्रा (shipra river) – काकरी बरडी पहाड़ी, इन्दोर।
लूनी (luni river) – अरावली पर्वत
सोम – बीछा, उदयपुर
साबरमती (sabarmati river) – जयसमुद्र झील, अरावली पर्वत।
चम्बल ( चर्मावती प्राचीन में ) – विन्धयाचल
बनास ( वन की आशा ) – खामनेर पहाड़ी, राजस्थान।
बाण गंगा – बैराठ पहाड़ी, जयपुर।
तुंगभद्रा (tungabhadra river) – कर्नाटका
दिक्षिणी – कैमूर पहाड़ियाँ।
पेरियार – पेरियार झील, केरल।
उमियम – उमयिम झील, मेघालय।
कावेरी, महानदी ड़ेल्टा नहीं बनाती।
यमुना की सहायक नदीं – बेंतवा, चम्बल, कैन।
भारतीय जलवायु(bhartiya jalvayu)
उष्णकटिबंधीय व मानसूनी हैं।
प्रभावित करने वाले कारक – मानसून, हिमालय, हिन्द महासागर
भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान (India Meteorological Department) – दिल्ली में
मौसम विज्ञान वैद्यशाला – पुणे में
जनवरी व फरवरी में तमिलनाड़ु तट(कोरोमंड़ल तट) पर वर्षा का कारण – लौटती हुई (उत्तर-पश्चिम मानसून)
ग्रीष्म ऋतु में त्रीव आद्र हवाऐ व गरज वर्षा
कर्नाटक में चेरी ब्लास्म या कॉफी वर्षा कहलती हैं।
केरल में आम वर्षा (mango shower) कहलाती हैं।
गरजने वाला चालीसा – पश्चिमी पवन को कहा जाता हैं।
लू(loo) – उत्तर-पश्चिम के शुष्क भागो में गर्म हवा को कहा जाता हैं।
मानसून गर्त – उत्तर-पश्चिम भारत व पाक में उष्णदाब वर्षा ऋतु में
भारत में 80 प्रतिशत वर्षा का कारण – दक्षिण-पश्चिम मानसून हैं।
इसकी 65% वर्षा अरब सागर के कारण तथा 35% वर्षा बंगाल की खाड़ी के कारण होती हैं।
मानसून प्रस्फोट अरब सागर में होता हैं। सबसे पहले मानसून केरल में हैं। जून के प्रथम सप्ताह में।
विश्व में सर्वाधिक वर्षा मासिनराम (मेघालय) में बंगाल की खाड़ी मानसून से।
राजस्थान में वर्षा अभाव का कारण – मानसून का अरावली श्रेणी के समानान्तर होना
केन्द्रीय मृदा संरक्षण – जोधपुर
भारत की मिट्टी ( types of soil in India )
जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट, मरूस्थलीय, क्षारीय, पीटमय व जैव तथा वनीय।
मृदा विज्ञान को कहते हैं – pedology
जलोढ़ मिट्टी (jalod soil)
- भारत के 22 प्रतिशत भाग पर
- उर्वरक व पोटाश की बहुलता हैं।
- पुरानी मिट्टी को बांगर व नयी को खादर कहते हैं।
- मुख्य रूप से उत्तर भारत के मैदानी इलाको में पायी जाती हैं।
काली मिट्टी (black soil)
- रेगुर या लावा मिट्टी भी कहते हैं।
- कपास के लिए best हैं, अतः काली कपास की मिट्टी भी कहते हैं।
- टिटेनीफेरस, मैग्नेटाइट व जीवाश्म के कारण इसका रंग काला होता हैं।
- जलधारण करने की सर्वाधिक क्षमता हैं
- महाराष्ट्र काली मिट्टी का सर्वोत्तम क्षेत्र हैं
लाल मिट्टी (red soil)
- बंजर तथा अम्लीय होती हैं।
- इसका लाल रंग लौह-ऑक्साइड़ के कारण होता हैं।
- जल में पीली दिखाई पड़ती हैं।
- चूने के प्रयोग से इसकी उर्वरता बढ़ायी जाती हैं।
- सर्वाधिक विस्तार – तमिलनाडू में
लैटराइट मिट्टी (laterite soil)
- चाय के लिए श्रेष्ठ होती हैं।
- भूमिगत भाग ऊपजाऊ होता हैं।
- केओलिन के कारण रंग सफेद होता हैं।
- Fe2 व पोटेशियम के कारण रंग गहरी लाल दिखाई पड़ती हैं। लाल रंग का कारण
- इसकी उर्वरकता सबसे कम होती हैं।
- निचले भाग में चाय, कॉफी, गर्म मसालों की खेती होती हैं।
भारत में मृदा विस्तार
जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट ( घटते क्रम में )